चार पहिया वाहनों में आगे सेफ्टी नियम (Safety Rule) को लेकर सरकार सख्त हो गई है। इस मामले में परिवहन विभाग ने भी सरकार की सख्ती के बाद चार पहिया वाहन में लगे सीट बेल्ट को लेकर कई सख्त निर्देश जारी किए हैं। इस कड़ी में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) की घोषणा के बाद परिवहन विभाग में बिहार में इस पर काम करना भी शुरू कर दिया है। परिवहन विभाग को फिलहाल केंद्र सरकार की ओर से जारी होने वाली गाइडलाइन (Government Guideline For Seat Belt) का इंतजार है, जिसके बाद फिर से इसे नई व पुरानी सभी तरह की गाड़ियों में अनिवार्य रुप से लागू कर दिया जाएगा और साथ ही इस बात का भी खास तौर पर ख्याल रखा जाएगा कि लोग सख्ती से इस सीट बेल्ट सेफ्टी नियमों (Seat Belt Safety Rule) का पालन करें।
सीट बेल्ट सेफ्टी नियम पर सख्त बिहार सरकार
गौरतलब है कि इस मामले में विभाग के अधिकारियों द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक बीते दिनों विभाग में हुई उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में इस पर मंथन हुआ। इस दौरान बैठक में मौजूद अधिकारियों ने कहा कि नई गाड़ियों के पीछे भी सीट बेल्ट लगाने की व्यवस्था दी गई है, लेकिन पुरानी गाड़ियों में यह व्यवस्था नहीं है। ऐसे में जल्द से जल्द पुरानी गाड़ियों में भी अब सीट बेल्ट लगवाने की व्यवस्था को संभव किया जाए। ऐसे में अगर जरूरत पड़े तो संबंधित गाड़ियों की एजेंसी के माध्यम से सीट बेल्ट को लगाया जाए।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस व्यवस्था को लागू करने से पहले यह देखा जाएगा कि गाड़ी 15 साल पुरानी ना हो। दरअसल 15 साल पुरानी गाड़ियों की फिटनेस खत्म हो जाती है। ऐसे में उन्होंने यह भी कहा है कि पुरानी गाड़ियों को अब फिटनेस सर्टिफिकेट देने से पहले पीछे वाली सीट में सीट बेल्ट की जांच करना भी जरूरी है। इसके बाद ही उन्हें फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
क्यों सीट बेल्ट नहीं लगा रहे लोग?
गौरतलब है कि बिहार में अभी आगे वाली सीट पर बैठे लोगों के लिए सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य किया गया है, लेकिन यह भी देखा जा रहा है कि अब भी ग्रामीण शहरी इलाकों में गाड़ी चलाते समय ड्राइवर के साथ बैठे यात्री सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं। ऐसे में परिवहन विभाग ने तय किया है कि जिन चालकों के साथ बैठे यात्री सीट बेल्ट नहीं लगा रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन पर नियमानुसार जुर्माना भी लगाया जाएगा।
सीट बेल्ट ना लगने पर कितना लगेगा जुर्माना?
इस मामले में विभाग की ओर से सभी डीटीओ को निर्देश दिये गये कि सीट बेल्ट के लिए अब सिर्फ रविवार और शनिवार को ही जांच अभियान नहीं चलाया जाएगा, बल्कि इसकी रोजाना स्तर पर नियमित रूप से जांच होगी। ग्रामीण इलाकों में भी इस नियम का सभी लोगों को पालन करना होगा। इस बात को सुनिश्चित करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है। विशेष तौर पर एनएच, एसएच पर किसी भी गाड़ी में इन नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने वाले चालकों का तुरंत चालान काटा जाएगा। इतना ही नहीं बार-बार सीट बेल्ट ना लगाने के मामले में पकड़े गए व्यक्तियों का चालान ही नहीं कटेगा, बल्कि साथ ही उनका लाइसेंस भी रद्द हो जाएगा।
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