घर में पड़े है पुराने घड़ी की बैटरी तो फेंके नही कंपनियों को वापस बेच दें, सरकार ने जारी किये आदेश

अगर आपके रिमोट, घड़ी या फिर खिलौनों में लगने वाले बैटरी सेल (Waste Management Rules) की बैटरी खत्म हो गई है और आप उन्हें इस्तेमाल करने के बाद फेंक देते हैं, तो अब ऐसा मत करना… बल्कि आप इन्हें बेचकर कमाई कर सकते हैं। दरअसल इसे तैयार करने वाली कंपनी ही अब इन्हें आपसे खरीद लेगी, जिसका सीधा फायदा आपको ही पहुंचेगा। गौरतलब है कि सरकार ने बैटरी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों (Battery Manufacture Companies) को वेस्ट मैनेजमेंट नियमों (Waste Management Rules) का सख्ती से पालन करने के आदेश जारी किए हैं, जिसके साथ ही अब बैटरी के खराब होने पर आप इन्हें संभाल कर बैटरी बनाने वाली इन्हीं कंपनियों को वापस बेच सकते हैं।

सरकार ने जारी किया आदेश

इस मामले में सरकार की ओर से कंपनियों को आदेस का सख्ती से पालन करने के सुझाव दिए गए हैं। सरकार की ओर से इस आदेश में यह कहा गया है कि बैटरी बनाने वाली कंपनियों को ग्राहक से खराब बैटरियो का कलेक्शन करना होगा। पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इस मामले में नोटिफिकेशन जारी किया है। सरकार ने कंपनियों को सुझाव दिए हैं कि वह उपभोक्ताओं से खराब बैटरियों को खरीदने के लिए बैटरी बायबैक या डिपॉजिट रिफंड जैसी स्कीम की शुरुआत करें।

सर्कुलर इकोनामी को बढ़ाना सरकार का उद्देश्य

सरकार के इस कदम का एकमात्र उद्देश्य सर्कुलर इकोनामी को बढ़ाना है। ऐसा करने से खराब बैटरियो की संख्या को कम करने में मदद मिलेगी। सरकार ने इस फैसले के तहत उम्मीद जताई है कि इस कदम से कंपनियों को मिनरल और माइनिंग पर निर्भरता घटेगी। साथ ही बैटरियो (पोर्टेबल या ईवी) की कीमत में भी कमी आएगी। साथ ही रिसाइक्लिंग के लिए कच्चे माल के इस्तेमाल की डेडलाइन भी निर्धारित की जाए।गी इसकी निगरानी करने के लिए सरकार एक कमेटी का गठन भी करेगी, जो इस पूरे आदेश का पालन सख्ती से करवाएगी और पालन ना करने वालों से जुर्माना भुगतान करेगी।

कितना देना होगा जुर्माना

सरकार की ओर से जारी किए गए इस निर्देश का पालन ना करने वालों से सरकार द्वारा निर्मित की गई कमेटी मुआवजे का भुगतान करेगी। सरकारी आदेश के मुताबिक मुआवजे के भुगतान से निर्माता की विस्तारित निर्माता जिम्मेदारी (Extended Producer Responsibility) खत्म नहीं होगी। 3 साल के अंदर लगाया गया पर्यावरण मुआवजा निर्माता को वापस कर दिया जाएगा। इसकी खास बात यह है कि शर्त के मद्देनजर 1 साल के अंदर 75 फ़ीसदी मुआवजा वापस किया जाएगा और 2 साल के अंदर 60 फ़ीसदी मुआवजा वापस होगा, जबकि 3 साल में 40 फ़ीसदी मुआवजा वापस किया जाएगा।

Kavita Tiwari