‘2-3 महीने में सरकार गिरने वाली है’, तेजस्वी यादव के इस बयान के पीछे क्या है वजह ?

लंबे समय से बिहार और बिहार की राजनीति से दूर रहने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार में आते ही सियासी गलियारों में हंगामा मचा दिया है। दरअसल पिछले कुछ दिनों से बिहार में हुई भारी बारिश के बाद कई इलाकों में बाढ़ की स्तिथि पैदा हो गई है और आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है। जिसके बाद अपने विधानसभा क्षेत्र राघोपुर में बाढ़ पीड़ितों को देखने गए लालू के छोटे लाल तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर खूब तंज कसा है।

ये कहा तेजस्वी यादव ने

तेजस्वी के जाते ही वहाँ के कुछ लोगों ने सरकार पर अपनी नाराजगी जताई जिसके बाद तेजस्वी यादव ने वहां के लोगों को समझाते हुए कहा की घबराइए मत सरकार दो तीन महीने में गिरने वाली है।’ अब नेता प्रतिपक्ष के इस बयान के बाद एक बार फिर से लोगों के मन में ये सवाल उठना शुरू हो गया है कि क्या बिहार सरकार के अंदर सबकुछ ठीक चल रहा है?

हालांकि तेजस्वी के इस बयान के बाद बिहार के वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे ने कहा है कि फिलहाल अभी नेता प्रतिपक्ष के ओर से दिए गए बयान का कोई भी अर्थ निकालना गलत होगा। क्योंकि तेजस्वी यादव बहुत दिनों के बाद राघोपुर गए थे और बाढ़ पीड़ितों की नाराजगी को शांत करने के लिए और अपने कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने के लिए उन्होंने ऐसा कोई बयान दिया है।

अरुण पांडेय ने आगे कहा कि आरजेडी ने तो ये भी दावा किया था कि मकर संक्रांति के बाद बिहार की राजनीत में उलट फेर होगा मगर आज 6 महीने हो चुके है लेकिन फिर भी बिहार में NDA की सरकार बनी हुई है। उनके तरफ से ये भी दावा किया गया था कि लालू प्रसाद यादव के बिहार आते ही यहां बड़ा खेला होगा लेकिन अभी लालू प्रसाद यादव के बिहार आने का कोई अता पता नही है।

कांग्रेस मे टूट की बात

उन्होने आगे कहा कि जैसे ही लोजपा प्रकरण के बाद उत्साहित जेडीयू की तरफ से ये बयान आया कि कांग्रेस और राजद के विधायक भी उनकी पार्टी के सम्पर्क में हैं तभी से कांग्रेस विधायकों का पटना में परेड लगना शुरू हो गया था और अब दिल्ली आलाकमान से मिलने जाने की तैयारी से ये साफ तौर पर समझा जा सकता है कि कांग्रेस आलाकमान में कितनी बेचैनी है।

एनडीए अभी काफी मजबूत

गौरमतलब है कि तेजस्वी यादव ये भली भांति जानते है कि बिहार में एनडीए की सरकार को कितना खतरा है! वो भी तब जब बीते दिनों नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी से मुलाकात के बाद ये साफ कर दिया था कि वह पूरी मज़बूती से एनडीए के साथ हैं और अब बिहार में एनडीए को तोड़ना आसान नहीं होगा। इतना ही नही वीआईपी के मुकेश सहनी ने भी पिछले दिनों दिए गए अपने बयान में कहा था कि उनका पूरा समर्थन एनडीए के साथ है।

ये हो सकती है वजह

इनसब मामलों के बावजूद सबकी निगाहें केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी हुई है, इस बार जदयू मंत्रिमंडल में शामिल हो रही है। अगर मंत्रिमंडल जेडीयू के पक्ष मे बना तो फिर बिहार में एनडीए सरकार और मजबूत हो जाएगी, पर अगर मंत्रिमंडल मे जेडीयू की फिर अनदेखी हुई तो मामला बिगड़ सकता है! हालांकि बिहार की सियासत में कब क्या हो जाये इसके बारे में कोई कुछ नही जानता।

Manish Kumar

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