Credit Line On UPI :’0′ है बैंक अकाउंट में बैलेंस, फिर भी कर सकेंगे यूपीआई पेमेंट, जाने क्या है इसका तरीका?

Credit Line On UPI: बदलते दौर के साथ भारत में डिजिटल पेमेंट के अपडेट वर्जन लोगों को कई अलग-अलग तरह के फायदे दे रहे हैं। ऐसे में अब एक नया अपडेट आया है, जिसके तहत अगर आपके बैंक अकाउंट में पैसे नहीं है तो भी आप यूपीआई पेमेंट के जरिए पैसे भेज सकते हैं। इस नए फीचर के साथ जीरो बैलेंस पर भी आपको पेमेंट करने की सुविधा मिल रही है। इस सुविधा के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन आफ इंडिया ने ग्लोबल फिंच फेसड में क्रेडिट लाइन ऑन यूपीआई की सुविधा का ऐलान किया है। फिलहाल यह सुविधा सिर्फ कुछ बैंकों और यूपीआई एप्स पर ही मौजूद है। आइये हम आपको यूपीआई की इस नई अपडेट के बारे में बताते हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक में लेनदेन के लिए कई बैंकों की तरफ से जारी प्री-सैंक्शंड क्रेडिट लाइन्स (Pre-Sanctioned Credit Line) को यूपीआई सिस्टम से जोड़ने का ऐलान किया है। इस दौरान रिजर्व बैंक की ओर से बताया गया है कि फिलहाल सेविंग अकाउंट प्रीपेड वॉलेट ओवरड्राफ्ट अकाउंट और रुपए क्रेडिट कार्ड को यूपीआई सिस्टम से जोड़ा जा रहा है।

कब हुई थी यूपीआई पेमेंट की शुरुआत?

बता दे कि साल 2016 में यूपीआई पेमेंट सिस्टम की शुरुआत की गई थी। यूपीआई सिस्टम को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन आफ इंडिया द्वारा ऑपरेट किया जाता है। इसके साथ ही यूपीआई एक रियल टाइम पेमेंट सिस्टम है, जिसके जरिए आप किसी को भी बड़ी आसानी से पैसा भेज सकते हैं। इसके जरिए पैसा भेजना के लिए आपको सिर्फ मोबाइल नंबर, अकाउंट नंबर और यूपीआई आईडी या यूपीआई क्यूआर कोड की जरूरत होती है। यूपीआई ऐप के जारी आप 24 घंटे 7 दिन कभी भी सेकंड भर में पैसे भेज सकते हैं। यूपीआई से ऑनलाइन शॉपिंग के लिए ओटीपी, सीवीवी कोड, कार्ड नंबर और एक्सपायरी डेट की जरूरत भी नहीं पड़ती है।

1 महीने में 10 बार से ज्यादा लोगों ने किये ट्रांजैक्शन

बता दे बीते महीने यानी अगस्त में यूपीआई के जरिए ट्रांजैक्शन करने वालों का आंकड़ा 10 अरब के पार था। वही हाल ही में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन आफ इंडिया की ओर से इस जानकारी को साझा करते हुए डिजिटल भारत के बढ़ते कदम की खुशखबरी साझा की। इस दौरान एनसीपीआई की ने बताया कि- 30 अगस्त को यूपीआई ट्रांजैक्शन का आंकड़ा 10 अरब के पार पहुंच गया था और इन ट्रांजेक्शन का मूल्य 15,18,456.4 करोड़ का था। वहीं जुलाई महीने में यूपीआई ट्रांजैक्शन करने वालों की संख्या 9.96 अरब के पार थी। इन आंकड़ो से यह साफ जाहिर होता है कि भारत डिजिटल हो रहा है।

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Kavita Tiwari