Nawada Kakolat Waterfall: नवादा के ककोलत वाटरफॉल का नजारा जल्द ही और खूबसूरत नजर आयेगा। ककोलत को इको पर्यटन स्थल बनाने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। नेचर सफारी और जू सफारी की तर्ज पर प्राकृतिक और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना प्रदूषण मुक्त वातावरण ईको टूरिज्म के विकास की ओर सरकार तेजी से काम कर रही है।
बता दे सरकार ने इसके लिए 14,95,00,000 के बजट का प्रावधान भी तैयार किया है। दो चरणों में ककोलत वाटरफॉल को विकसित किया जाएगा। इसके पहले चरण में 6.59 करोड़ रुपए की योजना को मंजूरी दी गई है, जिसके तहत रॉक स्टेबलाइजेशन, मुख्य द्वार, पर्यटकों के लिए शौचालय केंद्र का निर्माण आदि का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। नवादा वन विभाग निर्माण कार्य एजेंसी इसका पूरा कार्यभार संभाल रही है। बता दे पहले चरण का काम लगभग अपने अंतिम बिंदु पर पहुंच गया है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि 15 से 20 दिनों के अंदर यह समाप्त हो जाएगा।
पहाड़ों पर लगेंगे लोहे की जालियां
इस दौरान यहां आने वाले सैलानियों की सुरक्षा के तहत पहाड़ों पर लोहे की मजबूत जालियां भी लगाई जाएंगी, जिससे पहाड़ के पत्थर टूट कर नीचे ना गिरे। इसके गिरने से न सिर्फ सिढियों को नुकसान पहुंचता है, बल्कि सैलानियों को भी काफी चोट लग जाती है। ककोलत वॉटरफॉल के आकर्षक मुख्य द्वार का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। पत्थरों को काटकर इन का निर्माण किया गया है। वहीं दूसरी ओर वाटरफॉल के नीचे आकर्षण कुंड का निर्माण भी किया जा रहा है, जो सैलानियों के मन को काफी लुभायेगा। इस कुंड में ग्रेनाइट लगाने का काम अपने अंतिम चरण पर चल रहा है। वही इसके नीचे की तरफ बच्चों और बुजुर्गों के लिए छोटे कुंड का भी निर्माण किया जाएगा।
सैलानियों का सुविधां का रखा जायेगा ख्याल
पर्यटन के लिहाज से यहां सैलानियों के लिए शौचालय का निर्माण कार्य पूरी तरह से कंप्लीट हो गया है। वही छोटे से क्लीनिक का भी निर्माण किया जा रहा है, ताकि स्वास्थ्य संबंधी किसी भी तरह की परेशानी आने पर तुरंत उसे निपटा जा सके। ककोलत वॉटरफॉल विकास योजना के दूसरे चरण में प्रशासनिक ब्लॉक में सैलानियों की सुविधाओं वह सहायता के लिए अत्याधुनिक पर्यटन सुविधा केंद्र का निर्माण किया जा रहा है। इसके आगे सुरक्षा गार्ड के लिए बैरक का निर्माण भी किया जाएगा।
साथ ही सैलानियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यहां पर 10 सुरक्षा गार्ड भी तैनात किए जाएंगे। वहीं कुंड के नजदीक चेंज करने के लिए रूम, पीने के लिए पानी के टैंक और बैठने की व्यवस्था के साथ-साथ इको पार्क व लैंड स्कीपिंग सहित अन्य सौंदर्य करण का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। इसके अलावा यहां पर छोटी-छोटी दुकानों का निर्माण भी होगा, जो सैलानियों के जरिए अच्छी खासी कमाई कर सकेंगे।
एक्सीलेटर का भी होगा निर्माण
इसके साथ ही बता दें कि ककोलत वॉटरफॉल में एक्सीलेटर का निर्माण करने की योजना भी बनाई जा रही है। हालांकि अधिकारियों के मुताबिक दोनों चरणों का काम पूरा होने के बाद एक्सीलेटर निर्माण पर फैसला किया जाएगा। इस दौरान रॉक स्टेबलाइजेशन का काम पूरा होने के बाद तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ककोलत का जायजा लेगी और इसके बाद एक्सीलेटर का निर्माण किया जाएगा। इससे पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर ककोलत में ऑटो रिवर्स एक्सीलेटर का निर्माण करने की योजना को स्वीकृति दी गई है। हालांकि पहाड़ों के पहाड़ी चट्टानों की कमजोर स्थिति को देखते हुए तकनीकी विशेषज्ञों ने एक्सीलेटर निर्माण को असुरक्षित बताते हुए रॉक स्टेबलाइजेशन का काम पूरा होने तक इस पर रोक लगा दी है।
2.27 करोड़ से बनेंगी ककोलत वॉटरफॉल में सीढ़ियां
बता दे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को फरवरी 2023 में शुरू किया गया है। 22 जनवरी 2023 को सीएम ने कोलकाता योजना की समीक्षा और अविलंब काम शुरू करने को लेकर न सिर्फ बैठक की, बल्कि सख्त निर्देश भी दिए। बता दे ककोलत वॉटरफॉल के सौंदर्यीकरण पर मार्च 2019 तक 2.27 करोड रुपए तक खर्च का बजट पास किया गया। इससे रेड स्टोन से निर्मित वाटरफॉल तक जाने वाली 188 सिढिया, 3 कल्वर्ट,रिटेनिंग वॉल, पाथ-वे आदि का निर्माण करवाया जाएगा, जिसका खूबसूरत नजारा सैलानियों के मन को लुभायेगा।
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