लॉकडाउन के दौरान बंद मकानों और प्रतिष्ठानों के मालिकों को राहत देते हुए पटना नगर निगम ने नया प्रावधान किया है। अब उनसे कचरा शुल्क नहीं वसूला जाएगा। कचरा शुल्क देनेवाले को अलग से इसकी रसीद दी जायेगी। इनसे केवल होल्डिंग टैक्स की वसूली की जायेगी, जिसमें कचरा शुल्क नहीं जोड़ा जाएगा। पटना की मेयर सीता साहू ने सोमवार को नगर आयुक्त और स्थायी समिति के सदस्यों संग चर्चा की, जिसके बाद यह घोषणा की गई।
लॉकडाउन का बाद नगर निगम के इस फैसले से पटना वालों को थोड़ी राहत मिली है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पटना के मेयर ने यह भी कहा कि लॉकडाउन के दौरान होटल, दुकान, मैरिज हॉल जैसे प्रतिष्ठान महीनों तक बंद रहे थे, कई मकानों के किरायेदार ने भी घर खाली कर दिया था, ऐसे मे इन घरों और प्रतिष्ठानों से कचरा शुल्क की वसूली नहीं की जाएगी।
यह नियम निगम क्षेत्र के सभी संस्थानों पर लागू किये जाएंगे। होल्डिंग टैक्स वसूलने वाली कंपनी को इसकी जानकारी दे दी गई है। इससे पहले होल्डिंग टैक्स के साथ ही कचरा शुल्क को वसूलने का फैसला लिया गया था लेकिन कई निगम पार्षदों के ने इसका विरोध किया था।लॉकडाउन के दौरान बंद मकान व प्रतिष्ठानों से कचरा शुल्क नहीं वसूलने की मांग की जा रही थी, इसके साथ ही साथ कचरा शुल्क और होल्डिंग टैक्स को अलग-अलग वसूले जाने की मांग भी होती रही थी।
किरायेदारो से भी कचरा शुल्क लिए जाएगे
पटना नगर निगम की तरफ से कहा गया है कि अब पटना मे रहनेवाले किरायेदारो से भी कचरा शुल्क वसूली की जायेगी। दरअसल राजधानी पटना मे किराए के मकान मे रहनेवाले लोगों की भी अच्छी खासी संख्या है। ऐसे मे नगर निगम द्वारा प्रत्येक मकान तथा प्रतिष्ठान को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट टैक्स के दायरे में लाया गया है। एजेंसी से भी कहा गया है कि वे किरायेदारो से अलग से कचरा शुल्क की वसूली करें। हाउस होल्डर द्वारा इस बात की जानकारी ले जायेगी कि उनके मकान मे कितने किरायेदार हैं।