बिहार के लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। बिहार में पटना स्थित एम्स से दीघा होते हुए सोनपुर-माणिकपुर-साहेबगंज-अरेराज की सड़क को चार लेन में विकसित किए जाने का रास्ता साफ हो गया है। भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बनने वाली इस सड़क के लिए केंद्र सरकार ने भू-अर्जन की प्रक्रिया आरंभ किए जाने के लिए गजट जारी कर दिया है। इस सड़क के बन जाने से पटना से वैशाली मात्र आधे घंटे में पहुंचना संभव हो सकेगा। पटना से वैशाली की दूरी हो जाएगी मात्र 40 किमी।
मालूम हो कि भारतमाला परियोजना एक राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना है।इसके तहत नए राजमार्ग के अलावा उन परियोजनाओं को भी पूरा किया जाएगा तो अब तक अधूरे हैं। इसमें सीमा और अंतर्राष्ट्रीय संयोजकता वाले विकास परियोजना को शामिल किया गया है। बंदरगाहों और सड़क, राष्ट्रीय गलियारों (नेशनल कॉरिडोर्स) को ज्यादा बेहतर बनाना और राष्ट्रीय गलियारों को विकसित करना भी इस परियोजना में शामिल है। इसके अलावा पिछडे इलाकों, धार्मिक और पर्यटक स्थल को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जाएंगे। चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के बीच संयोजकता बेहतर की जाएगी।
सरकार ने गजट जारी किया
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट के तहत अदलबारी-माणिकपुर के बीच शून्य से 33 किमी हिस्से के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर तीन दिन पहले गजट जारी किया है। इसके तहत वैशाली के लालगंज स्थित खानजहां चक उर्फ सैदनपुर, ताजपुर, केशोपुर, जलालपुर गोपी मिल्की, जलालपुर इर्फ बिशुनपुर गमहीर गांव में जमीन का अधिग्रहण होना है।
सारण जिले के किन – किन गाँवों में होगा जमीन का अधिग्रहण??
इस प्रोजेक्ट के लिए सारण के कई गांवों में भी जमीन का अधिग्रहण किया जाना है ।जिसमे मानपुर, मनगरपाल नूरां, मनगरपाल मुर्तुजा, खुशहालपुर, दरियापुर, शिकारपुर, मखदुमपुर, चित्रसेनपुर, बाकरपुर और गोविंदचक जैसे गाँव आते हैं। इस महत्वपूर्ण हाइवे परियोजना से इन इलाकों का काफी विकास होने की सम्भावना है। बिहार की राजधानी पटना से अधिक सुगम संपर्क होने के बाद यहां रोजगार और व्यवसाय के अवसर भी बढ़ेंगे। फिलहाल इस इलाके में जमीन की कीमतों में उछाल आने की संभावना सबसे अधिक है।
क्या है भारतमाला परियोजना??
भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project) एक राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना हैं।इसकी स्थापना 31 जुलाई 2015 को हुई थी , यह परियोजना परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधीन है।इसके तहत नए राजमार्ग के अलावा उन परियोजनाओं को भी पूरा किया जाएगा तो अब तक अधूरे हैं। इसमें सीमा और अंतर्राष्ट्रीय संयोजकता वाले विकास परियोजना को शामिल किया गया है। बंदरगाहों और सड़क, राष्ट्रीय गलियारों (नेशनल कॉरिडोर्स) को ज्यादा बेहतर बनाना और राष्ट्रीय गलियारों को विकसित करना भी इस परियोजना में शामिल है।
इसके अलावा पिछडे इलाकों, धार्मिक और पर्यटक स्थल को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जाएंगे। चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के बीच संयोजकता बेहतर की जाएगी। सड़कों के विस्तार एवं विकास के लिए बने, 10 लाख करोड़ रुपये के भारतमाला परियोजना, में कई प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी) जिसें 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा लॉन्च किया था, सहित सभी मौजूदा राजमार्ग परियोजनाओं को इसमें समाहित कर लिया जायेगा।
यह परियोजना गुजरात और राजस्थान से शुरू होकर, पंजाब की ओर चलेगी और फिर पूरे हिमालयी राज्यों – जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड – और तराई इलाकों के साथ उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमाओं को कवर करेगी और पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मिजोरम में भारत-म्यांमार की सीमा तक जायेगी। आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों सहित दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी प्रदान करने पर विशेष जोर दिया जाएगा।
सरकार के मुताबिक योजना के पूरा होने पर, भारतमाला के तहत राजमार्ग की कुल लंबाई 51,000 किलोमीटर होगी। इसके पहले चरण में 29,000 किलोमीटर का विकास 5,5 खरब के परिव्यय के साथ किया जाएगा।
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