बिहार में सकरी और नाटा नदियों को जोड़ने की कवायद शुरू; नवादा, शेखपुरा और नालंदा जिले होंगे लभान्वित

पिछले दिनो बाढ़ से बचाव के लिए सरकार ने नदियों को आपस मे जोड़ने की योजना शुरू करने की।घोषणा की थी, अब दक्षिण बिहार में सकरी और नाटा नदियों को जोड़ने की संभावनाओं पर काम हो रहा है। इन नदियों को जोड़े जाने से तीन जिले नवादा, शेखपुरा और नालंदा प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे, क्यूँकि यहाँ करीब 60 हजार हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता विकसित होगी। उत्तर बिहार में भी बागमती, बूढ़ी गंडक व नून सहित अन्य नदियों को जोड़ने पर विचा रा किया जा रहा है। अगले डेढ़ महीने तक में इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

पायलट प्रोजेक्ट के तहत सकरी और नाटा नदियों को जोड़ने की परियोजना है, यह एक तरह का ट्रायल होगा, इसके सफल होने के बाद अन्य नदियों को भी जोड़ने का काम शुरू किया जाएगा। जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों और विशेषज्ञों की टीम इस पर काम कर रही है।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीएम नीतीश कुमार की तरफ से राज्य में बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम करने सहित ग्राउंड वाटर लेवल और सिंचाई सुविधाएं बढ़ाने के लिए छोटी नदियों को जोड़े जाने के लिए निर्देश दिया था

सीएम के निर्देश के बाद जल संसाधन विभाग ने इस पर काम शुरू कर दिया गया है। गौर तलब है कि सकरी नदी का उद्द्भव् स्थान झारखंड का कोडरमा है। बिहार के कौआकोल और नवादा के बीच इस नदी पर पंवरा में एक बीयर बना हुआ था, इससे सिंचाई की सुविधा प्राप्त होती थी।बता दे कि यह परियोजना आजादी के पहले की थी, जो कि अब बहुत पुरानी हो चुकी है और इसकी सिंचाई क्षमता भी घट गयी है। सकरी-नाटा नदियों में अब सिर्फ माॅनसून के समय जल भरा रहता है।

दोनों नदियों में सालों भर पानी

सकरी-नाटा नदियों को आपस मे जोड़े जाने के बाद दोनों नदियों में सालों भर पानी रहेगा। इससे 20 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि में सिंचाई की जा सकेगी और 40 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई पुनर्स्थापित होगी।इस परियोजना के पूरा होने के बाद कुल मिला कर 60 हजार हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता विकसित हो सकेगी और बाढ़ से भी राहत मिलेगी, इस्जे साथ ही ग्राउंड वाटर लेवल में भी सुधार आएगा।

Manish Kumar