इन दिनों बिहार के पूर्वी चंपारण के डीएम शीर्षत कपिल और उनके परिवार की तस्वीरे सोशल मिडिया पर खूब छा गई है। दरअसल इन तस्वीरों मे डीएम और उनके परिवार बारिश के मौसम मे धान रोपनी का आनंद ले रहे हैं।
तस्वीर मे डीएम के साथ उनकी पत्नी और छोटी से बेटी हैं। सुख सुविधाओ से भरपूर एक अधिकारी का इस तरह सामान्य किसान- मजदूर की तरह कीचड़ भरे खेतों में परिवार के साथ उतर जाना उनकी सादगी और मिट्टी से उनके प्रेम को दर्शाती है।
शीर्षत कपिल अशोक मूल रूप से महाराष्ट्र के सांगली जिले के मिरज गांव के रहनेवाले हैं, इनकी पृष्ठभूमि किसान परिवार से जुड़ी हुई है, इनके पिता BSRL मे जूनियर इंजीनियर थे। इन्होने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई महाराष्ट्र के सतारा जिले के कोरेगांव में हुई। सतारा से ही उन्होंने 10+2 की पढ़ाई पूरी की, राहुरी के MPKV University से उन्होंने B. Tech तथा दिल्ली के IARI (Indian Agricultural Research Institute, Delhi) से उन्होंने M.Sc. किया।
बैंक में एग्रीकल्चर फील्ड अफसर के रूप में काम करते हुए उन्होंने Civil Services Exam की तैयारी की और 2011 में उसे सफलतापुर्वक पास कर खुद को समाज सेवा के लिए समर्पित कर दिया। सिविल सर्विसेज पास करने के साथ ही उनका आईएएस अधिकारी बनने का सपना भी पूरा हो गया।
आईएएस अधिकारी के रूप मे कार्य करना शीर्षत कपिल का बचपन का सपना था। समाज सेवा के लिए ही उन्होंने यह फील्ड चुना। वे मूल रूप से महाराष्ट्र से ताल्लुक रखते हैं लेकिन 9 साल के इनके प्रशासनिक करियर में उनका ज्यादातर वक्त उत्तर भारत मे ही बीता है।
अधिकारी के रूप मे उन्होंने मिथिलांचल क्षेत्र में काफी वक्त गुजारा है। महात्मा गांधी उनके आदर्श रहे हैं, उनसे वे प्रेरणा पाते हैं और समाज के लिए काम करने की प्रेरणा भी उन्हें गान्धीजी से ही मिली। वे अपने जीवन के संघर्ष को हमेशा याद रखते है, शायद यही वजह है कि उन्हें ज़मीन से इतना लगाव है।
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