FasTag Rule: आजकल फास्ट ट्रैग से सीधे अकाउंट से पैसा कट जाता है और सरकार के खाते में चला जाता है. पहले की तरह अब टोल प्लाजा पर लंबी लाइन नहीं लगाना पड़ता है बल्कि आसानी से टोल टैक्स फास्टैग के माध्यम से कट जाता है.अक्सर लोगों के दिमाग में आता है कि सरकार एक दिन में फास्टटैग के माध्यम से कितना पैसा वसूलती होगी. इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि सरकार इसके माध्यम से रोजाना कितने करोड रुपए की कमाई करती है.
सभी सरकारी बैंक उपलब्ध कराते हैं फास्टटैग की सुविधा (FasTag Rule)
2014 में फ़ास्टटैग की सेवा को शुरू किया गया था. 2019 तक इस पूरे देश में लागू कर दिया गया था. टोल प्लाजा पर लंबी जाम को देखते हुए टोल टैक्स फ़ास्टटैग के माध्यम से लिया जाने लगा. फास्टैग इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है और यह सिस्टम रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी पर आधारित होता है. सभी सरकारी बैंकों द्वारा फास्टैग की सुविधा को उपलब्ध कराया जाता है और इसके माध्यम से आसानी से टोल टैक्स दिया जाता है.
फ़ास्टटैग के आने से टोल की चोरी भी कम हो गई है और पहले जैसे लोग जुगाड़ बिठाकर टोल नहीं देते थे लेकिन आजकल कोई भी टोल टैक्स पर टोल दिए बिना नहीं जा सकता है. लेकिन अब सीधे अकाउंट से पैसे कट जाते हैं और सरकार के खाते में चले जाते हैं.
बात अगर फास्ट टैग के माध्यम से कमाई की करें तो पिछले 10 महीने में 53000 करोड रुपए की कमाई टोल टैक्स के माध्यम से हुई थी. बात अगर हर महीने की करें तो हर महीने 5000 करोड़ से ज्यादा की कमाई टोल टैक्स से होती है और एक दिन की कमाई 170 करोड रुपए से ज्यादा है.
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एक रिपोर्ट के अनुसार फाइनेंशियल ईयर 2023 24 में सरकार की सालाना कमाई 62000 करोड रुपए के आंकड़े को पार कर गई थी. टोल टैक्स के आने से अब चोरी भी रुक गई है और आसानी से टोल टैक्स ले लिया जाता है. आने वाले समय में सैटेलाइट माध्यम से टोल टैक्स लिया जाएगा.
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