दिल्ली के इस इलाके को कहते हैं IAS-IPS की फैक्ट्री, यहां से हर साल तैयार होते है सैकड़ों अधिकारी

Delhi upsc coaching area : राजस्थान के कोटा का नाम बेस्ट कोचिंग इंस्टिट्यूट के तौर पर तो हर कोई जानता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल्ली के मुखर्जी नगर को भी मिनी कोटा कहा जाता है। दरअसल मुखर्जी नगर में देश के हर कोने से हर साल हजारों की तादाद में बच्चे आईएएस और आईपीएस की पढ़ाई करने आते हैं। यहां रहने वालों से लेकर गुजरने वाले लोगों में ज्यादातर संख्या छात्रों की ही होती है। ऐसे में क्या आप दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके के कोचिंग संस्थानों का इतिहास जानते हैं। अगर नहीं तो आइए हम आपको इसके बारे में डिटेल में बताते हैं। इसका इतिहास बेहद दिलचस्प है।

1996 में खुला था पहला कोचिंग संस्थान (Delhi upsc coaching area)

साल 1996 में मुखर्जी नगर में छोटे-छोटे कोचिंग सेंटर हुआ करते थे। तब इतने ज्यादा कोचिंग इंस्टिट्यूट की ना डिमांड थी और ना ही मौजूद थे। ऐसे में आज भी उन पुराने कोचिंग सेंटर्स का नाम काफी मशहूर है। इस लिस्ट में मेरिडियन क्लासेज कोचिंग सेंटर, द स्टडी ऑफ वाई.डी मिश्रा, आईएएस मणिकांत सर स्टडी जैसे कोचिंग इंस्टिट्यूट के नाम शामिल थे। वहीं साल 2000 में यहां पर चाणक्य आईएएस सेंटर खुला, जिसके बाद आईएएस और आईपीएस की तैयारी करने वालो की संख्या तेजी से बढ़ने लगी।

देश के हर कोने से मुखर्जी नगर आते हैं छात्र-छात्राएं

बढ़ते छात्रों की संख्या के साथ ही यहां संस्थानों की संख्या भी बढ़ने लगी। भारी तादाद में देश के हर कोने से यूपीएससी की तैयारी करने वाले स्टूडेंट शक्ति नगर और विजय नगर इलाकों में पढ़ने रहने आने लगे। धीरे-धीरे मुखर्जी नगर में इसका दायरा बढ़ता गया। एक दौर में जो मुखर्जी नगर अपनी चौड़ी गलियों के लिए जाना जाता था, आज वही मुखर्जी नगर एक कमर्शियल एरिया बन गया है। एक दौर में वहां पर अच्छे रूम प्राइवेट फ्लैट्स ढूंढने के लिए लोगों को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती थी, लेकिन आज दिल्ली यूनिवर्सिटी पास होने और भारी तादाद में अच्छे कोचिंग सेंटर होने के कारण यहां छात्रों की संख्या बहुत ज्यादा है।

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साल 2006 के करीब इन इलाकों में एसएससी कोचिंग संस्थान बड़ी तादाद में खुलने लगे, जिसके बाद यहां छात्रों की संख्या भी तेजी से बढ़ती गई। आज आलम यह है कि यहां पर हर जगह यूपीएससी, बैंकिंग, रेलवे की परीक्षा, एसएससी की तैयारियां करवाने वाले कोचिंग सेंटर्स का हब बन चुका है। यह कोचिंग सेंटर बच्चों से तैयारी के लिये मोटी फीस भी लेते हैं।

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