बिहार को बाढ़ से राहत दिलाने के लिए सीएम नीतीश कुमार की विशेष पहल, नदियों को जोड़ने का काम हुआ शुरू

देश में काफी समय से इस बात पर चर्चा हो रही कि नदियों को आपस में जोड़ा जाए। बिहार की पहचान पूरे देश में एक ऐसे राज्य के रूप मे की जाती है जहां दूसरे देश से निकलने वाली नदी के कारण तबाही होती है। नेपाल से निकलने वाली नदियों का पानी हर साल बिहार के कई जिले मे तबाही लाती है। बिहार सरकार केंद्र से लगातार गुजारिश करती रही है कि नेपाल से हाईडैम बनाने को लेकर बातचीत की जाए।

केंद्र सरकार ने नेपाल से इस विषय पर बात भी कि लेकिन नेपाल में हाईडैम बनाने पर बात बहुत आगे नहीं बढ़ी और प्रत्येक साल उतर बिहार बाढ़ की त्रासदी झेल रहा है। लेकिन बिहार को बाढ़ से राहत दिलाने के लिए अब नीतीश कुमार ने अपने बूते बड़ी पहल शुरू की है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत उत्तर और दक्षिण बिहार की दो-दो नदियों को जोड़ने की योजना बनाई है।

पहले इन नदियों को जोड़ा जाएगा

नदियों को जोड़ने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। नदियों को आपस में जोड़े जाने के लिए उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार की दो-दो नदियों को चुना गया है। दक्षिण बिहार में सकरी नाटा की फिजीबिलिटी रिपोर्ट बनाने का काम किया जा रहा है तो वहीं उत्तर बिहार में बूढ़ी गंडक, बागमती और नून नदी को जोड़ने का काम शुरू किया गया है। जल संसाधन मंत्री संजय झा ने नदियों को जोड़े जाने के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अगले डेढ़ माह में काम पूरा कर लिया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयनित नदियों का जोड़ा जाना सफल रहा, तो आगे बिहार की अन्य नदियों को भी जोड़े जाने का काम किया जाएगा।

जल संसाधन मंत्री ने यह भी कि बिहार को नेपाल के आने वाले पानी के कारण बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ती है। नदियों को आपस में जोड़े जाने से बाढ़ का असर कम होने के साथ ही सिंचाई में भी पानी का प्रयोग किया जा सकेगा। कोसी-मेची लिंक में केंद्र सरकार के सहयोग की जरूरत पड़ेगी। इस योजना से बिहार के 4 जिले किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, अररिया लाभान्वित होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हमने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि इसे राष्ट्रीय योजना से जोड़ा जाए।

Manish Kumar