Chatth Puja ghat in patna 2022: देश भर के तमाम हिस्सों में आज से छठ महापर्व की शुरुआत हो गई है। लोक एवं आस्था के इस महापर्व के हर्षोल्लास का जश्न आज से शुरू हो रही घाटों की सजावट के साथ नज़र आने लगा है। आज से शुरू हुआ महापर्व छठ पूजन की शुरुआत नहाए खाए की रस्म के साथ होगी। हर साल छठ पूजन करने के लिए नदी के किनारे भारी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं। ऐसे हालातों को ध्यान में रखते हुए पटना जिला प्रशासन ने कुछ घाटों की सूची जारी की है, जिन्हें खतरनाक बताया गया है।
पटना डीएम ने दी चेतावनी
गौरतलब है कि इस साल मानसून के दौरान लगातार बारिश के चलते गंगा नदी में स्थिर जल और रेत जमा होने से दुर्घटना की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिसे लेकर जिला प्रशासन ने खतरनाक घाटों की सूची जारी कर लोगों को यहां जाने से मना किया है। इस मामले में पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह द्वारा करीब 14 जगहों को चिन्हित किया गया है, जहां लोगों से छठ पर्व की पूजा ना करने जाने की अपील की गई है। जिलाधिकारी ने इन 14 जगहों के घाटों को खतरनाक बताया है।
इन घाटों की स्थिति खतरे के निशान पर
- बांस घाट
- नारियल घाट
- जेपी सेतु घाट
- बनर्जी घाटो
- कलेक्ट्रेट घाट
- मिश्री घाटो
- टेढ़ी घाट
- अंता घाटो
- महेंद्रु घाट
- अदालत घाट
- गडरिया घाट
- भरहरवा घाट
- नूरुद्दीनगंज घाट
- कांताही घाट
- महाराजा घाट
- किलाघाट
- गुरु गोविंद सिंह कॉलेज घाट
पानी का स्तर घटने के बाद इस सूची से हटा दिए जाएंगे घाट
पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह का कहना है कि प्रशासन त्योहारों की व्यवस्था एवं छठ महापर्व के उत्सव को सफल बनाने के मद्देनजर तेजी से काम कर रही है। ऐसे में यह संभव है कि जब कभी इन घाटों का पानी घटेगा, तो खुद स्थान उपरोक्त सूची से हटा दिए जाएंगे, जिसके बाद यहां भी लोग पूजा करने आ सकते हैं।
कब से शुरू हो रहा है छठ महापर्व
लोक एवं आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत 28 अक्टूबर से नहाए खाए की रस्म के साथ हो रही है। छठ पूजा 30 और 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इसमें व्रती को घुटने से गहरे पानी में रहते हुए उपवास रख सूर्य देवता को अर्घ्य दें परिवार की सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना करते हैं। बता दें यह त्यौहार पूर्वांचल में सबसे ज्यादा लोकप्रिय माना जाता है।