बिहार (Bihar) में एक बार फिर चमकी बुखार (Chamki Bhukar) का अलार्म भर चुका है। इसके प्रकोप के साए में अब तक कई बच्चे आ चुके हैं। वहीं हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने पहले से स्वास्थ्य विभाग को इस मामले में सचेत रहने के आदेश दिए हैं। साथ ही पंचायतों में रात्रि चौपाल लगाकर इस बीमारी (AES In Bihar) के बारे में बच्चों को जानकारी देने की अपील भी ग्रामीणों से अधिकारियों ने की है। इस कड़ी में रविवार को मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच के आईसीयू वार्ड (ICU Ward) में इलाज के लिए पहुंची बच्ची में चमकी बुखार (AES Case In Bihar) की पुष्टि हुई है। साथ ही सस्पेक्ट के तौर पर भर्ती 4 में से 2 बच्चों में एएसई के लक्षण की पुष्टि डॉक्टरों ने की है।
सरकारी अस्पतालों की लापरवाही का हुआ खुलासा
गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर जिले में एएसई को लेकर पहले से कई तैयारियों के निर्देश दिए गए है। वहीं हालातों को लेकर सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक केयर इंडिया की टीम इन तैयारियों को लेकर जिले के सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण भी कर रही है, हालांकि निरीक्षण के दौरान जिले में बड़ी लापरवाही सामने आई जिसमें पता चला कि एसओपी के अनुसार इलाज के लिए दवा ही उपलब्ध नहीं है। इसके बाद सिविल सर्जन को भी इसकी जानकारी दी गई। रिपोर्ट पर सिविल सर्जन ने सदर अस्पताल के प्रबंधक और पीएचसी प्रभारियों से इस मामले में जवाब मांगा है।
सिविल सर्जन को किया सस्पेंड
इस दौरान बिहार सरकार के उप सचिव शैलेश कुमार ने मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन को सस्पेंड कर दिया है। बता दे 7 अप्रैल को इस मामले में महत्वपूर्ण बैठक में सीएस गैरहाजिर रहे। ऐसे में अगले दिन अपर मुख्य सचिव अन्य अधिकारियों के साथ जांच के लिए पहुंचे, तो कई तरह की लापरवाहीयो का खुलासा हुआ। इस दौरान जब सीएस को जवाब के लिए बुलाया गया, तो वह नदारद दिखे जिसके बाद उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई।
मुख्यमंत्री ने दिये सतर्कता के आदेश
चमकी बुखार के हालातों को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले से लोगों को जागरूक रहने और सतर्क रहने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि बच्चा यदि रात में नहीं खाया है तो समझ लीजिए कि खतरे के संकेत है। इसके लिए सभी को सजग रहना है और बच्चे को रात को खाना खिला कर ही सुलाना है। जिस तरह से गर्मी का स्तर बढ़ रहा है उससे बीमारी के बढ़ने की आशंका भी ज्यादा है। इसलिए सब लोग इस बात का खास तौर पर ख्याल रखें।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने साल 2019 के हालातों का भी जिक्र कियाय़ उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर में साल 2019 में सबसे ज्यादा चमकी बुखार के मामले सामने आए थे। ऐसे में बीते सालों में प्रभावित पांच प्रखंडों में आर्थिक-सामाजिक सर्वेक्षण के निर्देश भी दिए गए। साथ ही स्वास्थय विभाग को इस मामले में पहले से सजग रहने के आदेश भी दिये।
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