1 सितम्बर से बिहार में कार-बाइक खरीदना हो जाएगा महंगा, जानिये किस वजह से होगा यह असर

अगर आप नयी कार लेने का प्लान कर रहे हैं तो 30 अगस्त तक आप अपने नए कार की ख़रीदारी कर ले, क्यूँकि इसके बाद कार खरीदना आपके लिए महँगा होगा, 1 सितम्बर से आपको इसके लिए अधिक कीमत का भुगतान करना होगा। दरअसल एक सितंबर से कार या बाइक खरीदने के लिए डाउन पेमेंट के तौर पर अधिक राशि की अदायगी करनी होगी।  ऐसा बीमा की पॉलिसी में बदलाव लाकी वजह से हैं।

कंप्रिहेंसिव इंश्योरेंस (संपूर्ण बीमा) हुआ अनिवार्य

नये नियम के मुताबिक नए वाहन की सेलिंग पर वाहन चालक, यात्रियों और वाहन मालिक को कवर करने के अलावा, वाहन का ऑन डैमेज पांच साल की अवधि के लिए कंप्रिहेंसिव इंश्योरेंस (संपूर्ण बीमा) को अनिवार्य कर दिया गया है। अब 1 सितम्बर से इंश्योरेंस वाहन चालक, सवार यात्रियों और वाहन मालिक का कवर पांच साल के लिए जोड़ा जायेगा, जो कि पहले एक साल के लिए ही जोड़ी जाती थी। बीमा विशेषज्ञ विकास कुमार ने नियम मे हुए इस बदलाव का विश्लेषण करते हुए बताते हैं कि इससे नयी कार को खरीदना महंगा हो जाएगा, क्यूँकि कार विक्रेता इसके मूल्य मे इजाफा करेंगे। कार खरीदने के लिए अब आपको डाउन पेमेंट के रूप में अधिक कीमत का भुगतान करना पड़ेगा। इसी प्रकार, बाइक के लिए भी डाउन पेमेंट अब पहले से अधिक हो जाएगा।

इंश्योरेंस का खर्च पांच साल के लिए एकमुश्त लिया जाएगा

बीमा मामलो के जानकार विकास कुमार आगे बताते हैं कि नई नियम के लागू होने पर नये वाहन पर इंश्योरेंस का खर्च पांच साल के लिए एकमुश्त ले लिया जाएगा। अभी तक जो नियम चल रहे हैं, उसके मुताबिक नयी गाड़ी पर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कार के लिए तीन वर्ष और बाइक के लिए दो साल अनिवार्य है, लेकिन अब नये वाहनों पर खरीद के बाद पांच साल तक पूरा कंप्रिहेंसिव इंश्योरेंस अनिवार्य कर दिया गया है।

नए नियम के लागू होते ही कार या बाइक मालिक के लिए बीमा की ऑन डैमेज पॉलिसी लेना अनिवार्य हो जाएगा। ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी के वरीय प्रबंधक सुजीत सिन्हा बताते हैं कि अब तक पर्सनल एक्सीडेंट कवर केवल गाड़ी चलाने वाले के लिए ही जरूरी था, लेकिन अब गाड़ी में बैठने वाले सभी यात्रियों के लिए पर्सनल एक्सीडेंट कवर को भी पांच साल तक के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। पहले किसी भी नए वाहन को क्रय करने पर पहले साल कंप्रिहेंसिव इंश्योरेंस लेना पड़ता था और आगे के सालों के लिए थर्ड पार्टी बीमा लेना पड़ता था। लेकिन अब इसमें बदलाव किया जा चुका है।

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