केन्द्रिय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने 2022-2023 का आम बजट पेश कर दिया है। इस बार आम बजट (Budget 2022) में किसानों और कॉर्पोरेट विभाग के लोगों समेत कई दूसरे सेक्टर्स के लिए भी कई खास ऐलान किए गए हैं, जिसके तहत कई बेहतरीन छूट प्लान ( Budget 2022 Main Point) भी सरकार की ओर से दिए गए हैं। सरकार की विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के बारे में भी निर्मला सीतारमण ने विस्तार पूर्वक बताया।
वहीं संसद में बजट पेश होने के बाद इसके पक्ष और विपक्ष दोनों को लेकर सियासी दलों के नेताओं ने प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है। इस मामले में इनकम टैक्स स्लैब में कई तरह के बदलाव की बात इस बजट में नहीं की गई, जिसके तहत इससे मध्यम वर्ग के लिए कम फायदेमंद बताया जा रहा है। बात अगर बिहार की करें, तो आइए हम बताते हैं कि बिहार (Budget 2022 For Bihar) की झोली में इस बार पेश किए गए निर्मला सीतारमण के बजट से क्या कुछ खास निकला…
बजट का कौन सा हिस्सा बिहार के नाम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट 2022 पेश कर दिया है राष्ट्रीय स्तर पर हाईवे विस्तार से लेकर गंगा किनारे ऑर्गेनिक खेती, 3 साल में 400 बंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने के वादे जैसी कई परियोजनाओं का ऐलान किया गया। बता दे सरकार की ओर से जारी की गई ये योजनाएं पूरे देश के लिए है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा फायदा बिहार को ही मिलेगा, क्योंकि बिहार में पहले से ही राष्ट्रीय राजमार्ग विस्तार और भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत कई योजनाओं पर काम चल रहा है।
रेल बजट का बिहार को फायदा
वहीं वित्त मंत्री के ऐलान के बाद बिहार के इन सभी प्रोजेक्ट में तेज गति से काम शुरू हो जाएगा। मालूम हो कि बिहार में हर साल बड़ी संख्या में लोग शिक्षा और रोजगार के लिए पलायन करते हैं। यही वजह है कि बिहार वासियों का ध्यान अक्सर रेल बजट पर भी सबसे ज्यादा होता है। ऐसे में वित्त मंत्री द्वारा 400 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की घोषणा बिहार वासियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। दिल्ली से वाराणसी के बीच यह सभी ट्रेनें चलाई जाएंगी। साथ ही वाराणसी से पटना और उसके आगे हावड़ा तक के रेल रूट पर भी ट्रेन चलाने का ऐलान किया गया है।
किसानों को मिलेगा फायदा
बिहार वासियों के लिए इस बजट में एक और महत्वपूर्ण घोषणा की गई, जिसका सीधा लाभ बिहार वासियों को मिलेगा। गंगा नदी किनारे ऑर्गेनिक खेती के तहत बिहार में नदी किनारे खेती की व्यवस्था जो कि पहले से चल रही है। बिहार के बक्सर से लेकर झारखंड में नदी के प्रवेश द्वार तक नदी किनारे खेती अब होती रहेगी। मालूम हो कि राजधानी पटना से सटे हाजीपुर गंगा नदी के किनारे हो रही केले की खेती इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। गंगा किनारे ऑर्गेनिक खेती की घोषणा के बाद प्रदेश के किसानों को इसका सीधे तौर पर लाभ मिलेगा।
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