बीपीएससी पेपर लीक मामले में बीडीओ समेत 4 हिरासत में, ईओयू ने जांच किया तेज, जाने पूरी अपडेट।

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के 67वीं प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा के पेपर लीक मामले की छानबीन कर रही आर्थिक अपराध यूनिट ने एग्जाम सेंटर मजिस्ट्रेट को गिरफ्त में लिया है। मजिस्ट्रेट को उनके घर से ही गिरफ्त में लिया गया है और पटना जांच के लिए लाया गया है। वीर कुंवर सिंह कॉलेज में परीक्षा केंद्र मजिस्ट्रेट बीडीओ जयवर्धन गुप्ता को नियुक्त किया गया था। मालूम हो कि बीपीएससी परीक्षा में लीक होने की खबर के बाद से ही बवाल मचा है। अब तक आर्थिक अपराध यूनिट की टीम ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।

बता दें कि बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन गत 8 मई को हुआ है। पेपर लीक का मामला भोजपुर के वीर कुंवर सिंह एग्जाम सेंटर पर आ गया। अभ्यार्थियों ने केंद्र पर जमकर नारेबाजी की और हंगामा किया। उम्मीदवारों का कहना है कि कुछ परीक्षार्थियों को निर्धारित समय से पूर्व ही परीक्षा केंद्र संचालकों के द्वारा एग्जाम सेंटर में प्रवेश दे दिया गया था। टेलीग्राम पर भी परीक्षा पेपर लीक होने की बात सामने आ रही है। कहा जा रहा है कि बीपीएससी का पेपर और टेलीग्राम पर वायरल हुआ पेपर हूबहू है।

बता दें कि बीपीएससी की संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के लिए राज्य के 38 जिलों में टोटल 1083 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। दूसरे राज्य से भी अभ्यर्थी शामिल हुए थे। कुल 6 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। पेपर लीक के मामले सामने आने के बाद आयोग द्वारा प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। आयोग ने तीन सदस्य टीम बनाई थी। 24 घंटे में समिति को रिपोर्ट सौंपने को कहा गया। समिति द्वारा केवल 3 घंटे में रिपोर्ट दे दिया गया और परीक्षा रद्द करने की सिफारिश की गई थी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने क्या कहा ?

मामले की छानबीन कर रहे आर्थिक इकाई यूनिट एडीजी नायर हसनैन ने कहा कि बीपीएससी परीक्षा पेपर लीक मामले में बरहरा के बीडीओ समेत तीन लोगों की जांच में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हर एंगल से मामले की जांच की जा रही है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के एक प्रोग्राम में कहा कि परीक्षा लीक का मैसेज मिलते ही तुरंत एक्शन लेते हुए रद्द का फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस को भी जांच में तेजी लाने के लिए आदेश दिया गया है। जिसने भी पेपर लीक किया है उस व्यक्ति के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।