बिहार को बाढ़ से मिलेगी हमेशा के लिए मुक्ति, जल्द सभी बिहार की नदियों आपस मे जुड़ेगी

हर साल बिहार बाढ़ की त्रासदी को झेलता है, जिसका सबसे बड़ा कारण नेपाल से निकलने वाली वे नदियां है जो बरसात मे बहुत भयावह हो जाती है। बिहार सरकार केंद्र सरकार से लगातार यह आग्रह करती रही है कि बाढ़ को रोकने के लिए नेपाल से बातचीत करें और हाई डैम का निर्माण कराए, लेकिन नेपाल सरकार की जिद्द से यह नहीं हो पा रहा। लेकिन अब बिहार सरकार ने बाढ़ को कम करने के लिए अपने दम पर नई कोशिश शुरू की है।

मीडिया से हुए बातचीत मे सरकार ने कहा छोटी- छोटी नदियों को आपस मे जोड़ने की कोशिश की जा रही है। प्रारम्भ मे उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार की एक-एक नदी को आपस मे जोड़कर इसकी शुरुआत की जायेगी। इस योजना के सफल होने के बाद कई सारी नदियों को आपस मे जोड़ा जाएगा। जल संसाधन मंत्री संजय झा ने बताया कि बिहार मे कई सारी नदिया ऐसी है जिसमें कम पानी है तो कई नदिया ऐसी है, जिसमें बरसात के समय पानी बढ़ जाती है। ऐसे मे अगर ज्यादा पानी वाली नदियों को कम पानी वाली नदियों से जोड़ दिया जाए तो ऐसी नदियाँ फिर से जागृत जो जाएंगी जो अपना अस्तित्व खोती जा रही है। इससे बाढ़ की समस्या से भी कुछ हद तक राहत मिल सकती है।

इस नदी पर चल रहा है काम

जल सन्साधन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि जो नदियां अपना अस्तित्व खोती जा रही है, उन्हें फिर से जीवित किया जाए। सीतामढ़ी की 18 किलोमीटर लम्बी नदी लखन देई ऐसी ही नदी है जिसे पुनर्जीवित करने का काम लगभग पूरा हो चुका है। बिहार के जाने-माने भूगर्भ शास्त्री प्रो. आर.बी सिंह ने सरकार के इस योजना की तारीफ़ करते हुए कहा है कि जब तक नेपाल मे हाई डैम नहीं बन जाता, नदियों को आपस मे जोड़ना एक फायदेमंद कदम है। इससे उन नदियों का कहर कम होगा जो बरसात मे तबाही का रूप ले लेती है, इससे बाढ़ से राहत मिल सकती है। इससे नदियों मे गाद की समस्या से भी निजात मिल सकता है और नदी की अविरलता भी कायम रहेगी।

इन सब बातों का रखा जाएगा ध्यान

नदियों को जोड़ने से पहले साइंटिफिक तरीके से इसका जियोलाजिकल सर्वे कराना होगा और क्लाइमेट रिपोर्ट आधार पर वैसे स्थान को चिन्हित करना होगा जहां पानी का बहाव ठीक-ठाक हो, गाद की समस्या ना हो। सारी बातो को ध्यान मे रखते हुए छोटी-छोटी नदियों को आपस मे जोड़ने का एक बड़ा फायदा यह भी होगा कि बिहार में एक बड़ा जल मार्ग तैयार हो जाएगा। इसका आर्थिक फायदा भी होगा और इससे व्यापार में भी फायदा होगा।

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