बांग्लादेश संकट से बिहार होगा मालामाल ! कपड़ा उद्योग का हब बन जाएगा बिहार; जाने कैसे

Bihar Textile Industry : बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल का दौर जारी है, जिसकी वजह से बांग्लादेश के कपड़ा उद्योग को काफी नुकसान हो रहा है। ऐसे में बांग्लादेश के कपड़ा उद्योगिक कंपनियाँ बिहार में अपना कारोबार की संभावनाएं तलाशने  में जुट गए हैं। बिहार में कपड़ा से जुड़े कुशल कारीगर बड़ी संख्या में है जो इस उद्योग को आगे ले जाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे में बांग्लादेशी कपड़ा कारोबारी बिहार में अपना उद्योग लगा सकते हैं।

इस वजह से बिहार आ सकती है कंपनियां

कपड़ा उद्योग के जानकारों का ऐसा मानना है कि जो भी बांग्लादेश के कपड़ा उत्पादक है उनका सीधा कारोबार भारत से ही है। ऐसे में ये सभी अभी स्थिति का आकलन कर रहे हैं। बाजार के मांग को पूर्ति के लिए जरूरी कदम उठा सकते हैं। अगर बांग्लादेश की  स्थिति ऐसे ही खराब रहती है तो सस्ते श्रम की वजह से कपड़ा औधोगिक कंपनियां बिहार में अपनी इकाइयां लगा सकते हैं या फिर बिहार में मौजूद इकाइयों को अपना काम दे सकते हैं। कंपनियां भागलपुर, मुजफ्फरपुर, गया और कटिहार जैसे शहरों में अपनी इकाई लगाने पर भी विचार कर रही है।

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देखा जाए तो दिल्ली, मुंबई, नोएडा, इंदौर और कोलकाता पहले से ही कपड़ा उद्योग के रूप में विकसित हो चुका है लेकिन सस्ते और कुशल कारीगर की वजह से यह कंपनियां बिहार में अपना रूप कर सकती है। पहले से भी कई बड़े ब्रांड यहां अपना काम शुरू कर चुकी है, साथ ही कुछ जल्द ही अपना काम शुरू करने वाले हैं। आंकड़ों को देख तो बिहार में कपड़ा से जुड़ी 30 औद्योगिक कंपनियों ने 400 करोड़ से ज्यादा निवेश किया है इसके अलावा ऐसी भी कई कंपनियां है जो पंजीकृत नहीं है।

तेजी से बिहार मे बढ़ रहा कपड़ा उधोग (Bihar Textile Industry)

2022 नई टेक्सटाइल नीति आने के बाद ही बिहार में 88 प्रस्ताव आ चुके हैं जिसमें से कई को तो मंजूरी मिल चुकी है वहीं कुछ चरणबद्ध है। इन प्रस्तावों के बदौलत 482 करोड रुपए का निवेश का प्रस्ताव है, वही 2016 औद्योगिक नीति के चाहत 42 इकाइयां बिहार में निवेश कर चुकी है। इससे ऐसा लग रहा है कि बिहार में उद्योग व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। वहीं बांग्लादेश की राजनीतिक संकट की वजह से बांग्लादेशी कपड़ा कंपनियां बिहार की ओर रुख कर सकती है।

Manish Kumar