बिहार (Bihar) के जनप्रतिनिधियों को सरकार (Nitish Government) ने नई जिम्मेदारी दी है। प्रदेश में भूजल की निगरानी अब मुखिया और पंचायत के वार्ड सदस्य (Ward Member of Panchayat) भी करेंगे। इसके लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा। मंगलवार को गर्मी में पेयजल की मौजूदा स्थिति की समीक्षा मुख्य सचिव ने की। पीएचइडी अधिकारियों को मुख्य सचिव ने आदेश दिया कि एक सप्ताह के अंदर खराब पड़े चापाकल को ठीक करें। मुख्य सचिव ने भूजल निगरानी के लिए बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप में मुखिया, वार्ड सदस्य, जलापूर्ति योजना (Water Supply Scheme) के पंप ऑपरेटर और गांव के प्रबुद्ध जनों को जोड़ने का आदेश दिया।

मुखिया और वार्ड को मिली नई जिम्मेदारी
पंचायत में पेयजल की समस्या उत्पन्न होने और उसके मरम्मत की जरूरत होगी तब उससे जुड़े सुझाव और शिकायत व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर किया जा सकेगा। रोजाना मुख्यालय स्तर पर इस ग्रुप की निगरानी की जा रही है। इसके अलावा सभी ग्रामीण वार्डों को निर्देश दिया गया है कि एक अप्रैल से सुबह के 5:00 से 8:00 बजे तक और शाम के 4:00 से 7:00 तक जलापूर्ति जाए। इस दौरान यह जानकारी सामने आई कि जनप्रतिनिधियों और मंत्री ने जिन चापाकलों को ठीक करने के लिए आग्रह किया था, उन्हें दुरुस्त कर दिया गया है।
विभाग की कोशिश है कि बिहार में पेयजल की समस्या को दूर किया जाए। बिहार में इन दिनों भीषण गर्मी का दौर जारी है इससे लोगों को किसी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए विभाग में जलापूर्ति योजना को तेजी देने का आदेश दिया है।
दूसरी ओर, बिहार सरकार राज्य में स्वास्थ्य मामलों को दुरुस्त करने के लिए आने वाले पांच सालों में कई योजनाओं पर काम कर रहा है। प्रदेश में डॉक्टरों की संख्या, प्रति व्यक्ति दवा पर खर्च होने वाली राशि, मेडिकल कॉलेज की स्थापना को लेकर कार्य योजना बना रहा है। बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने आला अधिकारियों के साथ मंगलवार को विस्तार रूप से इस पर मंथन किया।