Bihar teacher niyamawali 2023: नीतीश कैबिनेट की ओर से बिहार में सातवें चरण की शिक्षक नियुक्ति नियमावली को हरी झंडी दिखा दी गई है। इसके साथ ही विद्यालयों में अध्यापक नियमावली को लेकर कई सवालों के जवाब स्पष्ट तौर पर दे दिए गए हैं, जिसके मुताबिक अगर सेवाकाल में विद्यालय अध्यापक की मृत्यु हो जाती है, तो उसके आश्रित को अनुकंपा के अधिकार के तहत नौकरी दी जाएगी। हालांकि इस दौरान इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि अनुकंपा नियमावली के संदर्भ में अलग से जो प्रावधान दिए गए हैं वह सभी मान्य हो। ऐसे में अगर आपके जहन में भी बिहार शिक्षक नियमावली 2023 को लेकर कुछ सवाल है, तो यहां आपकों सभी सवालों के स्पष्ट जवाब मिल जाएंगे।
आप सभी शिक्षकों को मिलेगा एक समान वेतन
नीतीश कैबिनेट की ओर से बिहार टीचर नियमावली को हरी झंडी दिखाने के साथ ही यह स्पष्ट कर दिया गया है कि अब सभी शिक्षकों को एक समान वेतन दिया जाएगा। नई नियमावली के लागू होते ही पुराने नियुक्ति संबंधित सभी नियमों को समाप्त कर दिया जाएगा। हालांकि इस दौरान यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि ऐसे संविदा शिक्षक जो नई नियमावली के जरिए परीक्षा देते हैं और उसे पास नहीं कर पाते, तो उन्हें पुराने नियम के तहत ही सभी सुविधाएं और सैलरी मिलती रहेगी। उन पर किसी तरह का कोई असर नहीं पड़ेगा। नई नियमावली के तहत अगर अभ्यार्थी के प्रमाण पत्र गलत पाए जाते हैं, तो उसकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी जाएगी और साथ ही उसे उस समय तक दी गई सैलरी की राशि का भी भुगतान करना होगा।
क्या है बिहार शिक्षक नियमावली 2023 की जरूरी बातें?
- गौरतलब है कि पिछली नियमावली के तहत नियुक्त किए गए शिक्षक नई नियमावली के किसी भी संवर्ग उनकी नियुक्ति के लिए किए गए प्रावधान के अतिरिक्त इस नियमावली के अन्य प्रावधानों के तहत कोई भी दावा नहीं कर सकते हैं।
- नई नियमावली के प्रभावी होने की तारीख से ही पुरानी नियमावली के तहत किसी की नियुक्ति नहीं की जाएगी।
- इसके अलावा जिला संवर्ग के सहायक शिक्षक और प्रमंडलीय स्तर के सहायक शिक्षक, जिनके पदों को पहले मरणशील घोषित किया जा चुका है उस पर यह नियमावली प्रभावी नहीं मानी जाएगी।
- साथ ही यह भी जान ले कि विद्यालय अध्यापक के लिए वेतन भुगतान राज्य सरकार की ओर से ही किया जाएगा।
बिहार शिक्षक नियमावली 2023 की जरूरी शर्तें
- नई नियमावली के तहत प्राथमिक और मध्य विद्यालय के अध्यापकों की विषयवार वरीयता सूची तैयार की जाएगी।
- माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में अध्यापकों की वरीयता के आधार पर सूची को अलग-अलग स्तर पर बनाया जाएगा।
- विद्यालय अध्यापक की वरीयता सूची जिला स्तर संधारित की जाएगी।
- नई नियमावली के तहत होने वाली परीक्षा का पैटर्न आयोग तैयार करेगा। इसमें शिक्षा विभाग से भी परामर्श लिया जाएगा।
- परीक्षा के लिए अर्हतांक नियत करने का अधिकार आयोग के पास ही होगा।
- विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की ओर से समय-समय पर निर्धारित शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण की योग्यता तय करना जरूरी होगा।
- इसके साथ ही राजकीय, राजकीय बुनियादी विद्यालय, प्रोजेक्ट कन्या विद्यालय और राजकीयकृत विद्यालय में नियुक्ति होने वाले विद्यालय अध्यापकों का संवर्ग होगा।
गौरतलब है कि नियमावली को लेकर दिए गए स्पष्टीकरण के मुताबिक नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली में आने वाले किसी भी प्रकार के विवाद की स्थिति में एनसीटीई के परामर्श से ही विभाग अंतिम निर्णय लेने का अधिकारी होगा।
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