बिहार: 37 लोगों की संदिग्ध मौत से मचा हड़कंप, पुलिस की जांच रिपोर्ट में सामने आया चौकाने वाला सच

होली के बाद बिहार (Bihar) में मौत का तांडव लगातार बढ़ता जा रहा है। बिहार के भागलपुर, बांका और मधेपुरा में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या (Bihar Poisonous Liquor Death) लगातार बढ़ती जा रही है। यहां अांकड़ा अब तक 37 तक पहुंच चुका है। वही अभी भी कुछ लोगों का इलाज जारी है। वहीं बिहार पुलिस (Bihar Police) मुख्यालय ने भागलपुर और बांका के डीएम और एसपी की जॉइंट जांच रिपोर्ट (Bihar Police Report On Death) को सार्वजनिक करते हुए कई खुलासे किए। इस रिपोर्ट के मुताबिक इन लोगों की मौत की वजह शराब का सेवन करना नहीं है।

Bihar Poisonous Liquor Death

ज्वाइंट जांच रिपोर्ट ने उड़ाये सबके होश

गौरतलब है कि भागलपुर डीएम और एसएसपी की संयुक्त जांच रिपोर्ट के मुताबिक परिजनों की सहमति से मिथुन कुमार और विनोद राय का पोस्टमार्टम करवाया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक दोनों का बेसरा जांच के लिए एफएसएल भाजा गया है। निलेश कुमार का अंतिम संस्कार परिजनों द्वारा कर दिया गया है। वहीं संदीप कुमार की मौत की वजह हार्टअटैक बताई गई है। रिपोर्ट में अभिषेक कुमार नाम के शख्स की मौत की वजह तबियत बिगड़ नाम बताया गया है। भागलपुर प्रशासन के मुताबिक मामले की जांच अभी भी जारी है और जांच पूरी होने के बाद ही इस पूरे मामले की हकीकत का खुलासा हो सकेगा।

Bihar Poisonous Liquor Death

वहीं बात बांका में लोगों की संदिग्ध मौत की करें तो जिले के डीएम और एसपी द्वारा दी गई रिपोर्ट को अपर मुख्य सचिव मध निषेध उत्पादन एवं निबंधन विभाग को भेज दिया गया है। इस ज्वाइंट रिपोर्ट में जहरीली शराब के सेवन से किसी भी व्यक्ति की मौत की बात से साफ इंकार कर दिया गया है। रिपोर्ट में कई चौका देने वाले खुलासे सामने आए हैं… और वह यह है कि किसी भी मृतक का पोस्टमार्टम नहीं करवाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पोस्टमार्टम के लिए परिजन तैयार नहीं हुए और बिना पोस्टमार्टम के ही 9 मृतकों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

Bihar Poisonous Liquor Death

प्रशासन की बढ़ी मुश्किलें

प्रशासन द्वारा जारी किए गए इस जांच रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल यह है कि किसी भी मृतक का आखिर पोस्टमार्टम क्यों नहीं करवाया गया? परिजनों के कह देने पर प्रशासन ने कानूनी कार्रवाई को नजरअंदाज क्यों किया? पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इस मामले की हकीकत सामने आ सकती थी। ऐसे में क्या था जिसे छुपाने का प्रयास किया जा रहा है। बता दे भागलपुर, बांका और मधेपुरा जिले में संदिग्ध स्थिति में मरने वालों की संख्या 37 हो गई है। जिनमें से 22 लोग भागलपुर के हैं, जबकि 12 बांका के और 3 मधेपुरा के है।

Kavita Tiwari