मिथिला (Mithila) की प्रसिद्ध रोहू मछली (Rohu Fish) को इन दिनों जीआई टैग (GI Tag) दिलाने की कवायद तेज है। इसी बीच मधुबनी में रोहू मछली का उत्पादन (Rohu Fish Production) को लेकर लगभग 50 नए तालाब का निर्माण तीव्र गति से जारी है। बेनीपट्टी, खुटौना वह अन्य इलाकों में एक दर्जन तालाब का काम पूरा हो चुका है। 15 जून से पहले बाकी तालाबों में काम पूरा कर लिया जाएगा। इन तालाबों से इस साल से जिले में 1000 टन सालाना रोहू मछली का उत्पादन में बढ़ोतरी (Rohu fish production will increase in Mithila) होने की उम्मीद है।
मिथिला में और बढ़ेगा रोहू मछली का उत्पादन
जिले में वर्तमान में 17000 टन रोहू मछली का सालाना उत्पादन हो रहा है। इसके साथ ही जिले में रोहू, नैनी, कतला सहित अन्य 73 हजार मीट्रिक टन मछलियां उत्पादित हो रही हैं। नए तालाब के बन जाने से मछली पालन के साथ ही जल संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। मानसून की बारिश से नए तालाब पानी से लबालब भरे होंगे। जानकारी के लिए बता दें कि जिले में 34 तालाब का निर्माण प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और बाकी मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना के तहत किया जा रहा है।
जानकारी के लिए बता दें कि तालाब निर्माण पर प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत जनरल कैटेगरी के लोगों को 40 फीसद व महिला और एसटी श्रेणी के लाभार्थियों को 60 प्रतिशत सब्सिडी दिया जा रहा है। जबकि तालाब निर्माण पर मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना के तहत 90 प्रतिशत सब्सिडी राशि दी जा रही है। बाजार में एक किलो रोहू मछली की कीमत 280 से 300 रुपए के बीच है।
रहिका अंचल के मत्स्यजीवी सहयोग समिति के मंत्री सह कोषाध्यक्ष झड़ीलाल सहनी बताते हैं कि जिले में नए तालाब के बनने से निश्चित तौर पर रोहू मछली के उत्पादन में बढ़ोतरी होगा। उन्होंने जिले के बंदोबस्त तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करने की बात कही। जिला मत्स्य पदाधिकारी विनय कुमार बताते हैं कि रोहू मछली को जीआई टैग मिल जाने से इसका उत्पादन जिले में और बढ़ेगा। बिहार के साथ ही पूरे देश में इसकी मांग बढ़ेगी। इससे किसानों के आमद में इजाफा होगा। मौजूदा समय में उत्पादित रोहू मछली को सिलीगुड़ी और नेपाल सहित दूसरे हिस्सों में भी कर की जाती है।