बिहार के भूमि सुधार विभाग की खुली पोल, लगान वसूली के मामले में निचले पायदान पर, अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

यूं तो‌ बिहार का राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (Bihar Revenue and Land Reforms Department) रिश्वतखोरी को लेकर जाना जाता है, लेकिन उचित राजस्व वसूली (Revenue Collecting) करने के मामले में भी पिछले पायदान पर खड़ा है। कभी इस विभाग के अधिकारियों के दफ्तर और ठिकानों पर निगरानी टीम (Surveillance Team) रेड मारती है, तो करोड़ों की संपत्ति का खुलासा होता है। लेकिन, भूमि राजस्व के मामले पर विभाग के कर्मचारियों की सुस्ती का कोई जवाब नहीं है। जानकर हैरानी होगी कि पिछले 5 वर्षों से राजस्व विभाग निर्धारित लक्ष्य को सही से हासिल नहीं कर सका है।

Bihar Revenue Department Minister

बिहार के चार विभागों की खुली पोल

वित्तीय साल 2021-22 का आंकड़ा गवाह देता है कि आंतरिक संसाधनों से राजस्व एकत्रित करने वाले सरकार के चार विभागों में सबसे नीचे पायदान पर राजस्व विभाग है। निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले महज 56 फीसद वसूली हो सकी है। बता दें कि पिछले साल जमीन लगान कोष में वसूली का लक्ष्य पांच सौ करोड़ रुपए तय किया गया था। लेकिन राजस्व कर्मियों की सुस्ती का नतीजा यह हुआ कि 282 करोड़ रुपए की वसूली हो सकी। जबकि विभाग ने लगान जमा करने के लिए जमीन बालकों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प दिया था।

Bihar Revenue Department Minister

अगर दूसरे विभागों से राजस्व विभाग की तुलना करें तो लक्ष्य से 17 प्रतिशत ज्यादा वसूली वाणिज्य कर विभाग ने की। कोविड स्थिति के बावजूद भी निर्धारित लक्ष्य पांच हजार करोड़ रुपए के विरुद्ध 5272 करोड़ रुपए निबंधन विभाग ने वसूली की। 99 फीसद लक्ष्य परिवहन विभाग ने प्राप्त किया। इस वर्ष के ज्यादातर समय में बालू खनन में बंदी की तलवार लटकी रही जिस वजह से निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध 78 प्रतिशत ही खनन एवं भूतत्व विभाग राजस्व वसूली कर सका।

Bihar Revenue Department Minister

कर्मियों के सुस्ती पर जब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रामसूरत कुमार राय से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस पर ध्यान देंगे। विभाग के अधिकारियों से पूछा जाएगा कि निर्धारित लक्ष्य से वसूली कम क्यों हुई। विभाग की लापरवाही सामने आने पर सख्त कार्रवाई की बात मंत्री ने कही।

Kavita Tiwari