नीति आयोग द्वारा सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के लिए सूचकांक 2020-21 की रिपोर्ट जारी हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक केरल का प्रदर्शन सबसे अव्वल रहा वहीं बिहार का प्रदर्शन सबसे ख़राब रहा। बता दे कि सतत विकास लक्ष्यों के लिए सूचकांक (एसडीजी) सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मापदंडों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति का मूल्यांकन करता है।
रिपोर्ट्स में ज़ारी किए गए आकड़ों के हिसाब से केरल ने 75 अंक के साथ शीर्ष राज्य के रूप में अपना स्थान बरकरार रखा, जबकि 74 अंक के साथ हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु को दूसरा स्थान मिला। इस साल इंडेक्स में बिहार-झारखंड सबसे निचले पायदान पर रहे।
शीर्ष पांच राज्य और उनकी रैंकिंग
- केरल – 75 अंक
- हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु – 74 अंक
- आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, उत्तराखंड – 72 अंक
- सिक्किम – 71 अंक
- महाराष्ट्र – 70 अंक
सबसे बुरे प्रदर्शन वाले पांच राज्य और उनकी रैंकिंग
- छत्तीसगढ़, नागालैंड, ओडिशा – 61 अंक
- अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, राजस्थान, उत्तर प्रदेश – 60 अंक
- असम – 57 अंक
- झारखंड – 56 अंक
- बिहार – 52 अंक
गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, त्रिपुरा, मिजोरम, दिल्ली, उत्तराखंड, लक्षद्वीप, अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख 65 से अधिक अंक के साथ अग्रणी श्रेणी में रहे। बताया जा रहा है कि भारत का कुल एसडीजी सूचकांक 2020-21 में छह अंकों के सुधार के साथ 60 से बढ़कर 66 अंक हो गया है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने गुरुवार को भारत एसडीजी सूचकांक का तीसरा संस्करण जारी किया। इस संदर्भ में उपाध्यक्ष कुमार ने कहा कि, ‘एसडीजी भारत सूचकांक के जरिए एसडीजी की निगरानी के हमारे प्रयास को, दुनिया भर में व्यापक रूप से सराहा गया है। एसडीजी पर एक समग्र सूचकांक की गणना करके हमारे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को श्रेणीबद्ध करने के लिए यह एक दुर्लभ डाटा आधारित पहल है।’
आपको बता दे कि एसडीजी सूचकांक की शुरुआत दिसंबर 2018 में हुई थी और देश में एसडीजी पर प्रगति की निगरानी के लिए यह प्रमुख साधन बन गया है। पहले संस्करण 2018-19 में 13 ध्येय, 39 लक्ष्यों और 62 संकेतकों को शामिल किया गया था, जबकि इस तीसरे संस्करण में 17 ध्येय, 70 लक्ष्यों और 115 संकेतकों को शामिल किया गया है।