पुरानी गाड़ियों या अन्य व्हीकल (Junk Center) को नष्ट करने के लिए बनाए जाने वाले कबाड़ केंद्र आधुनिक (Bihar Modern Junk Center) होंगे, जिसके मद्देनजर अब से इसमें मानव हस्तक्षेप की भूमिका लगभग ना के बराबर होगी। इन कबाड़ केंद्रों के आधुनिक हो जाने से इनमें सर्वाधिक भूमिका मशीनों की होगी। पर्यावरण संतुलन का खास तौर पर ख्याल रखने के मद्देनजर यह बदलाव किए गए हैं। वहीं अब आम लोगों के साथ ही गाड़ियों को नष्ट करने की प्रक्रिया को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में पूरा किया जाएगा, ताकि सरकार अपनी इच्छा के मुताबिक जब चाहे कबाड़ केंद्रों की पूरी प्रक्रिया की जांच पड़ताल कर सकें।
आधुनिक होंगे कबाड़ केंद्र
गौरतलब है कि परिवहन विभाग ने इस मामले में गाइडलाइन भी जारी की है। विभाग द्वारा जारी की गई इस गाइडलाइन के मुताबिक जारी आदेशों में कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा स्क्रैप सेंटर के लिए तय किए गए मापदंड आप बिहार में भी लागू होंगे। स्क्रैप सेंटर खोलने के लिए राष्ट्रीय पोर्टल विकसित किया जाएगा और साथ ही इस पोर्टल पर आवेदन करना भी अनिवार्य होगा। राज्य सरकार द्वारा इन केंद्रों को स्वीकृति मिलने की प्रक्रिया आवेदन से लगभग 60 दिन के भीतर पूरी की जाएगी, जिसके बाद कार्य को आगे बढ़ाया जाएगा।
तय राशी का करना होगा भुगतान
बता दे इस दौरान हर आवेदनकर्ता से केंद्र खोलने के लिए एक शुल्क राशि भी मांगी गई है, जिसके तहत एक लाख शुल्क के साथ बैंक गारंटी के रूप में 10 लाख रुपए लिए जाएंगे। इसके अलावा अगर किसी भी आवेदक का आवेदन रद्द होगा, तो यह राशि उन्हें वापस कर दी जाएगी। खास बात यह है कि आवेदनों की मंजूरी सिंगल विंडो के जरिए क्लीयरेंस में दी जाएगी। साथ ही स्क्रैप सेंटर में सीसीटीवी कैमरे को भी लगाया जाएगा। इसके अलावा स्क्रेपिंग यार्ड और ग्राहक के अलावा क्षेत्र में अनिवार्य रूप से सभी जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाने अनिवार्य है।
स्क्रेपिंग के रिकॉर्ड के मद्देनजर करीबन 3 कैलेंडर मासिक यानी 3 महीने की रिकॉर्डिंग को सुरक्षित रखना अनिवार्य है, ताकि जरूरत के अनुसार केंद्र या राज्य सरकार सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के आधार पर जांच पड़ताल कर सके। इसके अलावा गाड़ियों को नष्ट करने के क्रम में शीशा, अल्म बैटरी, लिथियम आदि जिसकी भी रीसाइक्लिंग नहीं हो सकेगी। उसकी बिक्री बैध एजेंसियों से कराई जाएगी।
साथ ही इस मामले में परिवहन विभाग (Transport Department) के सचिव संजय अग्रवाल (Sanjay Agarwal) द्वारा साझा जानकारी में कहा गया है कि- राज्य में स्क्रैप केंद्र खोलने की न्यूनतम या अधिकतम संख्या फिलहाल अभी तय नहीं की गई है। यह सभी आवेदकों के आधार पर तय की जाएगी। साथ ही अगर वे मानकों का पालन करेंगे, तो उन्हें केंद्र खोलने की अनुमति सरकार (Central Government) की ओर से दे दी जाएगी।
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