बिहार: फ्लाई एश ईंट उद्योग वालों के लिए Good News, एनटीपीसी दे रहा ये बड़ा ऑफर

फ्लाई एश (Fly Ash) का बिजनेस करने वालों के लिए अच्छी खबर है। क्या आप जानते हैं कि अगर कोई व्यक्ति फ्लाई एश ब्रिक्स निर्माण (Fly ash brick industry in Bihar) से जुड़कर अपना नया कारोबार शुरू करना चाहता है, तो वह सिर्फ विभाग को सूचना देकर ही अपने यूनिट यानी अपने कारोबार की स्थापना कर सकता है। इसके लिए डिमांड करने पर एनसीपीटी (NTPC) कहलगांव की ओर से निशुल्क एश यानी राख उपलब्ध कराई जाएगी। क्या है फ्लाई ऐश का बिजनेस (How will fly ash brick industry) शुरू करने का पूरा तरीका? आइये यह हम आपको बताते हैं।

फ्लाई एश ईंट उद्योग

पर्यावरण मंत्री ने की बैठक

फ्लाई एश ब्रिक्स का कारोबार काफी कम लागत में शुरू किया जा सकता है। इसे शुरू करने में ज्यादा ताम-झाम की जरूरत भी नहीं है। इस मामले पर वन एवं पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार सिंह ने सोमवार को परिसदन में एनटीपीसी कहलगांव के अधिकारियों और फ्लाई एश ब्रिक्स का निर्माण करने वाले प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर इस मुद्दे पर चर्चा की।

इस दौरान बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान मंत्री नीरज कुमार सिंह ने कहा कि- लाल ईंट भट्टा से बहुत अधिक प्रदूषण होता है। इस कारण भारत सरकार ने लाल ईंट भट्टा का कारोबार बंद करने के निर्देश दिए है। इतना ही नहीं इस दिशा में सभी राज्य सरकारों को भी निर्देश दिए गए हैं, जिसके मद्देनजर राज्य सरकारें काम में जुट गई है।

जल्द बंद होंगी लाल ईट भट्टी

मालूम हो कि एक साथ सभी लाल ईंट भट्टा को बंद नहीं किया जा सकता, ऐसे में आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, जिसके मद्देनजर यूएनडीपी के माध्यम से सर्वे किया जा रहा है। बात बिहार की करें तो बता दे बिहार में कुल 6000 से अधिक लाल ईंट भट्टा और 4000 फ्लाई एश ब्रिक्स की यूनिट संचालित हो रही हैं। राज्य सरकार फ्लाई एश ब्रिक्स के ईट भट्टा को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य करते हुए कई फैसले कर रही है।

फ्लाई एश ईंट उद्योग

 

बता दे फ्लाई एश ब्रिक्स का कारोबार वाइट इंडस्ट्री की श्रेणी में आता है। फ्लाई एश ब्रिक्स से प्रदूषण भी कम होता है और इसके लिए किसी प्रकार के लाइसेंस की भी जरूरत नहीं होती। ऐसे में फ्लाई एश ब्रिक्स उद्योग रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।