मास्क, ग्लव्स, थर्मल स्क्रीनिंग, पीपीई कीट से लैस बिलकुल अलग होगा इस पर बिहार पंचायत चुनाव

पिछले बार के पंचायत चुनाव और इस बार के पंचायत चुनाव मे काफी कुछ बदलाव देखने को मिलेगा।इस बार चुनौती संक्रमण से सुरक्षा की है। यह पहली बार होगा जबकि हैंड ग्लव्स पहनकर EVM का बटन दबाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों के निर्वाचन पदाधिकारियों को कोविड-19 से बचाव के लिए कुल 17 मानकों के आधार पर तैयारी करने का दिशानिर्देश जारी किया है।

इसके साथ ही ऐसा पहली बार है जब पंचायत चुनाव में नामांकन के लिए ऑनलाइन सेवा को प्रमुखता दी जाएगी। आयोग की वेबसाइट पर प्रत्याशी नामान्कन पत्र भर सकते हैं। अगर वे चाहे तो प्रपत्र को डाउनलोड कर निर्धारित नामांकन केंद्र में जमा करने का विकल्प भी चुन सकते है। वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए नियम बनाया गया है जिसके तहत नामांकन के वक्त केवल एक प्रस्तावक उम्मीदवार के साथ रह सकता है। नामांकन स्थल के बाहर उम्मीदवार और प्रस्तावक को कोविड-19 के मापदंडों का पालन करते हुए इन्तजार का समय दिया जाएगा। इस दौरान सैनिटाइजर तथा साबुन और पानी की भी व्यवस्था रहेगी , नामांकन के पहले हाथ धोना होगा।

मास्क तो हर हाल मे सभी को लगाना होगा। गौरमतलब है कि आयोग ने कहा था कि सभी मतदान केन्द्र पर मास्क की व्यवस्था की जायेगी, फिर भी जो मास्क नहीं लगायेगे उन्हें 50 रूपया का जुर्माना देना होगा। एक बड़े हॉल मे मतदान कार्य से जुड़े चुनाव कर्मी के लिए 6 फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था की जायेगी।चुनाव कार्य से जुड़े किसी भी स्थल पर जैसे मतदान केंद्र,  प्रशिक्षण स्थल, या बज्रगृह हो,  सभी जगह थर्मल स्क्रीनिंग कराई जायेगी। किसी भी मतदान कर्मी मे कोरोना के लक्षण पाए जाने पर उसे रिज़र्व प्रतिनियुक्ति मे रखा जाएगा।

कोरोना के लक्षण पाए जाने पर ऐसा होगा

यदि ऐसा होता है कि किसी मतदाता मे मतदान के दिन कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे तुरंत ही अलगकर दिया जाएगा।  कर्मी पीपीई कीट पहनाकर कोरोना से प्रभावित वोटर को वोट दिलाएगे। महिला, पुरुष और बुजुर्ग के लिए  अलग अलग कतार होगा। सभी को बूथ में प्रवेश करने के पहले ग्लब्स दिया जाएगा।

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नियम पालन ना करने पर होगी कार्यवाही

उम्मीदवारो द्वारा की जाने वाली बैठक का जगह चयन करने की जिम्मेदारी पंचायत पदाधिकारियों को दी गई है, जहां 6 फीट की दूरी पर सफेद वृत्त का निर्माण जरूरी होगा, इसी मे बैठ कर लोग सभा आयोजित करेंगे। स्वास्थ विभाग द्वारा कोरोना गाइडलाइन  का पालन की मॉनिटरिंग होगी, पुलिस पदाधिकारी शामिल होने वाले लोगों की संख्या तय करेंगे। इसका पालन ना करने पर आपदा प्रबंधन और महामारी एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई तय होगी।

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