बिहार में लंबित भूमि मामले को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब मुखिया और सरपंच को भी मृत्यु प्रमाण पत्र देने का अधिकार जारी कर दिया गया है। इससे ग्रामीण इलाकों में भूमि से संबंधित मामलों का निपटारा काफी आसानी और तेजी से किया जा सकेगा। यह बड़ा बदलाव राजस्व महाअभियान को लेकर किया गया है, ताकि पुराने लंबित मामलों में नामांतरण और उत्तराधिकारी प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।
भूमि राजस्व विभाग ने जिलों को भेजा निर्देश
इस बारे में भूमि राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने जिलों के सभी समाहर्ताओं (DMs) को पत्र लिखकर इस व्यवस्था के बारे में अवगत करा दिया है। 10 अगस्त को राजस्व सर्वे प्रशिक्षण संस्थान, पटना में पंचायत प्रतिनिधियों के संघों के साथ हुई बैठक में यह सुझाव आया कि जिन मामलों में रैयत या जमाबंदीदार की मृत्यु पहले हो चुकी है और मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है, उस प्रक्रिया को आसान बनाया जाए। इसी सुझाव को देखते हुए मुखिया और सरपंच को मृत्यु प्रमाण पत्र देने का अधिकार दे दिया गया है।
मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की नई प्रक्रिया
अब ऐसे मामलों में उत्तराधिकारी द्वारा सफेद कागज पर स्व-घोषणा देकर पंचायत के मुखिया या सरपंच से अभिप्रमाणित करवाना ही पर्याप्त होगा। वहीं, अगर वंशावली में किसी सदस्य के नाम के साथ “मृत” दर्ज है, तो उसे भी मान लिया जाएगा। सरकार का मानना है कि इस फैसले से पुराने लंबित भूमि मामलों के नामांतरण में काफी तेजी आ जाएगी।
पहले भी बदले गए थे जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के नियम
बता दें कि इससे पहले भी सरकार ने एक साल से अधिक पुराने मामलों के लिए जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रक्रिया में बदलाव करते हुए बीडीओ और नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारियों को अधिकार दिया था, ताकि आवेदन लंबित न रहें। यह कदम गांव से लेकर शहर तक सभी के लिए प्रक्रियाओं को सरल और सुलभ बनाने में काफी कारगर साबित होगा।
ग्रामीणों के लिए बड़ी राहत साबित होगा नया नियम
पहले नामांतरण के लिए मृत व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र जरूरी होता था, जो सिर्फ नगर निकाय या ब्लॉक स्तर पर ही बनाए जाते थे। इसके कारण ग्रामीण इलाकों में कई मामले लंबित आ रहे थे और ग्रामीणों को मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए ब्लॉक के चक्कर लगाने पड़ते थे। अब नए नियम के तहत मुखिया या सरपंच भी मृत्यु प्रमाण पत्र बना सकेंगे, जिससे भूमि का नामांतरण काफी तेजी से हो सकेगा।
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हजारों लंबित भूमि मामलों का होगा समाधान
भूमि राजस्व विभाग का कहना है कि इस बदलाव से हजारों लंबित भूमि मामलों का नामांतरण तेजी से हो सकेगा, खासकर उन मामलों में जहां रैयतदार की मृत्यु की तिथि का आधिकारिक प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है। यह कदम ग्रामीणों के लिए बड़ी राहत साबित होगा।







 








