बिहार को मिल सकता है 4 और फाेरलेन की सौगात, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे के साथ तीन ये अन्‍य लिस्ट मे

बिहार के को चार और फाेरलेन की सौगात मिल सकती है। बिहार सरकार ने इसका प्रस्‍ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है। जैसे ही केंद्र इसके लिए मंजूरी प्रदान करती है, निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। तो वहीं बक्सर से भागलपुर के बीच नया एक्सप्रेस-वे का निर्माण इसी वित्त वर्ष में शुरू किए जाने की बात कही गई है। इसकी कुल लंबाई 350 किमी होगी।

पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बुधवार को इस एक्सप्रेस वे सहित तीन अन्य नई फोर लेन सड़क के निर्माण का प्रस्ताव सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजा। मंत्रालय की तरफ से राज्य सरकार से कुल 11 सौ किमी नई सड़क का प्रस्ताव मांगा गया था। गौरतलब है कि इन सभी सड़को का निर्माण भारतमाला शृंखला के तहत किया जाएगा। इसके साथ ही मांझी-गोपालगंज-कुशीनगर, विक्रमशिला से फारबिसगंज तथा नवादा-मोकामा-बरौनी से मधुबनी के लदनिया तक भी फोर लेन का निर्माण भी कराया जाना है।

जिन चार फोरलेन के लिए प्रस्‍ताव भेजा गया है, वे इस प्रकार हैं

  • बक्सर से भागलपुर एक्सप्रेस-वे की लंबाई-350 किमी
  • मांझी से कुशीनगर फोरलेन लंबाई-215 किमी
  • विक्रमशिला से फारबिसगंज फोरलेन की लंबाई-120 किमी
  • नवादा-मोकामा-बरौनी-लदनिया फोरलेन की लंबाई-220 किमी
  • मांझी-गोपालगंज-कुशीनगर सड़क पर मंजूरी

भारतमाला शृंखला के अंतर्गत सिवान के मांझी से गोपालगंज होते हुए कुशीनगर तक फोरलेन सड़क का प्रस्ताव पथ निर्माण विभाग की तरफ से केंद्र के पास भेजा गया है। इस सड़क का निर्माण रिलीजियस एंड टूरिस्ट कंपोनेंट के तहत किया जाना है।

विक्रमशिला से फारबिसगंज के बीच नया फोर लेन

विक्रमशिला से फारबिसगंज तक सड़क निर्माण का प्रस्ताव भी केंद्र सरकार के पाए भेजा गया है। इस सड़क का निर्माण कहलगांव के नजदीक बिक्रमशिला से फारबिसगंज के बनाया जाएगा। इसके तहत गंगा नदी पर नया पुल का निर्माण भी भी प्रस्ताव में शामिल है।

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नवादा-मोकामा-बरौनी से मधुबनी के लदनिया तक फर्राटा भरेंगी गाड़‍ियां

नवादा जिले से मधुबनी के लदनिया तक सड़क निर्माण का प्रस्ताव भी भेजा गया है। यह सड़क नवादा से शुरू होकर मोकामा-बरौनी-झंझारपुर होते हुए लदनिया तक बनाया जाएगा। इस सड़क के निर्माण के बाद दक्षिण बिहार से मिथिलांचल इलाके का सीधा संपर्क हो पाएगा। इससे जहां एक तरफ दूरी कम होगी तो वहीं दूसरी ओर आवागमन भी सुलभ होगा।

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