बिहार में शराबबंदी कानून (Bihar Liquor Law) के बावजूद भी राज्य के अलग-अलग हिस्सों से जहरीली शराब (liqueur) के चलते मौत के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। वहीं इस कड़ी में नया रुख अपनाते हुए राज्य के शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) में शिक्षकों को एक नई जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसके तहत बिहार के शिक्षकों को शराबियों और तस्करों की जानकारी मध निषेध विभाग (Prohibition Department) से साझा करने की जिम्मेदारी दी गई थी। हालांकि शिक्षक नेताओं और शिक्षकों ने सरकार के इस नए रवैए पर नाराजगी जाहिर करते हुए प्रत्येक शिक्षक के लिए बॉडीगार्ड की मांग की थी। वहीं अब बिहार के नालंदा (Nalanda) से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सरकार (Bihar Government) के इस फैसले पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्कूल से बरामद हुई भारी मात्रा में शराब
इस मामले के मद्देनजर सरकार ने जिन शिक्षकों को शराबियों की धरपकड़ की जिम्मेदारी सौंपी थी। वहीं के एक सरकारी स्कूल में शराब की बड़ी खेत बरामद हुई है। यह पूरा मामला नालंदा के हिलसा प्रखंड के सरकारी स्कूल से जुड़ा है, जहां तेजी से शराब कारोबार फल फूल रहा है। हिलसा पुलिस द्वारा सूत्रों से जानकारी मिलने के बाद जब यहां छापेमारी की गई, तो प्राथमिक विद्यालय धर्मपुर के परिसर में भारी मात्रा में अधनिर्मित शराब बरामद हुई। हालांकि पुलिस की इस रेड के दौरान शराब कारोबारी भागने में कामयाब रहे।
शिक्षको नहीं ग्रामिणों ने दी थी सूचना
वहीं इस पूरे मामले पर जानकारी साझा करते हुए थानाध्यक्ष प्रकाश कुमार शरण ने बताया कि विद्यालय के शिक्षकों द्वारा इस मामले में कभी कोई सूचना नहीं दी गई थी। ग्रामीणों द्वारा दी गई गुप्त सूचना पर पुलिस ने यह कार्रवाई की है। धंधेबाज की पहचान कर फिलहाल मामला दर्ज कर लिया गया है और शराब कारोबारियों की तलाश जारी है। ग्रामीणों का कहना है कि इस विद्यालय में शिक्षक कभी-कभार ही आते हैं। ज्यादातर विद्यालय बंद ही रहता है, जिसका फायदा शराब कारोबारी धड़ल्ले से उठा रहे हैं।
बिहार में बीते 5 सालों से शराब बंदी कानून लागू है, लेकिन इसके बावजूद शराबियों के हौसले इस कदर बुलंदी पर है कि जगह-जगह से जहरीली शराब के मामले सामने आ रहे हैं। वही हाल ही में विद्यालय कैंपस से भारी मात्रा में अधनिर्मित शराब बरामद हुई है। ग्रामिणों का कहना है कि शाम को यहां शराब की बिक्री के लिए शराबियों का झुंड भी इक्ट्टा होता है। विद्यालय के प्रति दिन ना खुलने के चलते इस पर शराब कारोबारियों ने अपना कब्जा जमा रखा है। वही शराबियों के इस कारनामे के चलते ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल है।
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