बिहार: 2 से अधिक बच्चे हैं तो नहीं लड़ सकेंगे बिहार पंचायत चुनाव! जल्द होगा कानून में संशोधन

पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सरकार का रुख स्पष्ट कर दिया है। पंचायती राज मंत्री के अनुसार पंचायत जनप्रतिनिधि जनता को जागरूक करने के बेहतर माध्यम हैं। बिहार सरकार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर गंभीर नज़र आ रही है, इसके लिए आने वाले दिनों मे सरकार कोई ऐसा कानून ला सकती है जो जनसंख्या नियंत्रण मे वरदान साबित होगा।

2 से अधिक बच्चे वाले नहीं लड़ पाएगे पंचायत चुनाव

आने वाले दिनों मे 2 से अधिक बच्चे वाले पन्चायत चुनाव मे जनप्रतिनिधि बनने के लिए अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे, पंचायती राज विभाग त्रिस्तरीय पंचायत और ग्राम कचहरियों के चुनाव के लिए ऐसा मसौदा तैयार करने में लगा हुआ है। इस साल भले ही यह नियम लागू ना किये जाए, लेकिन अगली बार होने वाले पन्चायत चुनाव मे यह कानून लागू हो, इसके लिए सरकार इसे अमल मे लाने के लिए पूरी तरह सहमत है। इस प्रावधान के पीछे सरकार का उदेश्य पंचायत और ग्राम कचहरियों के जनप्रतिनिधियों के द्वारा आम जनता को परिवार नियोजन का सन्देश देना और उन्हें जागरूक करना है। पंचायती राज मंत्री का यह भी मानना है कि जनता को जागरूक करने के लिए पंचायत जनप्रतिनिधियों से बेहतर उदाहरण कोई और नहीं हो सकता।

पंचायती राज कानून 2006 मे होगा संसोधन

दो से अधिक बच्चे वाले पन्चायत चुनाव नहीं लड़ पाए, इसके लिए उस कानून मे संशोधन करना होगा, जो अब तक चला आ रहा है। पंचायती राज कानून 2006 में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन अब इसमें संशोधन होना निश्चित माना जा रहा। कानून मे संशोधन करके नया प्रवधान लागू करने के लिए सरकार एक वर्ष का समय ले सकती है। पिछले पन्चायती चुनाव यानी कि 2016 के पंचायत और ग्राम कचहरी के चुनाव में 2.6 लाख पदों के लिए लिए 10 लाख से अधिक प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था, तो इसे लेकर सरकार का यह मानना है कि इनके माध्यम से 12 करोड़ लोगों के 6.50 करोड़ मतदाताओं को लेकर बड़ा संदेश दिया जा सकता है।

फिलहाल पूरे बिहार मे 2021 मे जो पन्चायत चुनाव होने जा रहा है, उसमें यह नियम नहीं लागू किया है और दो से अधिक बच्चे वाले भी चुनाव लड़ने के लिए स्वतन्त्र है ।पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी के अनुसार, सरकार विचार कर रही है कि त्रिस्तरीय पंचायतों और ग्राम कचहरी में 2 या उससे अधिक बच्चे वालों को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया जाए, ताकि परिवार नियोजन और जनसंख्या नियंत्रण को बढ़ावा मिले, लेकिन इस बार के चुनाव मे यह प्रावधान लागू नहीं है।

Manish Kumar

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