बिहार: अगर वाहन का नहीं हुआ है बीमा, तो 15 सितंबर से जब्त हो सकती है आपकी गाड़ी

बिहार मोटरगाड़ी नियमावली, 1992 एवं बिहार मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण नियमावली,1961 में अब संशोधन कर दिया गया है। इसके तहत अब बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के वाहनों से सड़क दुर्घटना या मृत्यु होने की स्थिति मे उस वाहन को पुलिस द्वारा जब्त कर लिया जाएगा और उसकी नीलामी की जायेगी। न्यायाधिकरण के फैसले के अनुरुप मुआवजा देने पर ही वाहन मालिक को उनका वाहन लौटाया जाएगा। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल इसे स्पष्ट करते हुए बताया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वाहन से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को मुआवजा भुगतान हेतु नियम बनाए जाने के आदेश पर काम करते हुए राज्य की सरकार ने यह व्यवस्था बनाई है जिसे 15 सितंबर से राज्य भर मे पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।

मुआवजा नहीं देने पर जब्त हो जाएगी गाड़ी

उन्होंने नियम के बदलाव के बाद होने वाली कार्यवाही के बारे मे जानकारी देते हुए यह भी बताया कि न्यायाधिकरण के फैसले सुनाए जाने के बाद यदि 30 दिनों के अंदर वाहन मालिक द्वारा मुआवजा की राशि जमा नहीं कराई जाती है तो जिला पदाधिकारी द्वार उस वाहन का अधिग्रहण करके उसे नीलामी की प्रक्रिया के लिए दे दी जायेगी।नीलामी के बाद जिस राशि की प्राप्ति होगी अगर वह मुआवजे की राशि से कम हुई तो अंतर की राशि बिहार वाहन दुर्घटना सहायता निधि से दी जाएगी। सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने पर मृतक के परिवार को 5 लाख रुपए के मुआवजे का प्रावधान किया गया है तो वहीं घायल होने की स्थिति में 50 हजार रुपए दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

1 सितंबर से राज्य भर विशेष जांच अभियान चलाया जाएगा जिसमें बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के चलने वाले वाहन मालिको की खैर नहीं होगी। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने सभी वाहन मालिकों से निवेदन किया है कि निर्धारित समय से पूर्व ही अनिवार्य रुप से अपने वाहनों का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करा लें। जांच अभियान के दौरान बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के वाहन पकड़े जाने पर संबंधित वाहन मालिक पर राज्य द्वारा बनाए गए नियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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