बिहार (Bihar) में एक ओर नेशनल हाईवे (National Highway) और फोरलेन परियोजनाओं (Four Lane Project) का काम तेजी से चल रहा है, वहीं अब राज्य के 8 जिलों में तकरीबन 981 किलोमीटर लंबी सड़कों का जाल ग्रामीण (Road Project In Rural Area) इलाके बिछाने की तैयारी चल रही है। जानकारी के मुताबित बरसात के बाद सड़क का निर्माण प्रारंभ हो जाएगा। मालूम हो कि साल 2024 तक सड़कों का निर्माण पूरा होने की संभावना जताई जा रही है। 981 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण में तकरीबन 828 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
अब ग्रामीण इलाकों में बिछेगा सड़कों का जाल
गौरतलब है कि ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। खबर के अनुसार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क स्कीम के तहत 168 किमी लंबी सड़क बनाई जानी है। इस कार्य के लिए भारत सरकार की ओर से 60 फीसद राशि ,जबकि शेष 40 फीसद राशि राज्य सरकार को वहन करनी होगी है। दूसरी ओर, ग्रामीण कार्य विभाग ने अपने इंजीनियरों को स्पष्ट रूप से आदेश किया है कि बारिश के सीजन में जिन सड़कों की स्थिति खराब हो गई है, उन्हें बहुत जल्द आवागमन के योग्य बनाया जाए।
राज्य सरकार ने दिए आदेश
बता दें कटाव वाले स्थलों का चिन्हित कर बिना देर किए पूरी तरह से तैयार रहने का आदेश दिया गया है। सड़कों की गुणवत्ता कायम रहे इसके लिए कार्यपालक इंजीनियर को मुस्तैद रहने का आदेश दिये गए है। निर्माण एजेंसी को भी सड़क बन जाने के बाद 5 सालों तक रखरखाव करने का जिम्मा सौंपा गया है। फिलहाल ई-टेंडर के माध्यम से एजेंसी का चयन होगा और फिर निर्माण प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।
ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री जयंत राज ने जानकारी दी कि टेंडर के माध्यम से जल्द ही निर्माण का चयन होगा। इसके बाद बरसात खत्म होने के पश्चात निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इन सड़कों के बन जाने से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आने जाने में सहूलियत होगी।
इन जिलों में बिछाया जायेगा सड़को का जाल
इसके अलावा स्थानीय स्तर पर शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक सहित हर क्षेत्र में विकास को नए पंख मिलेंगे। प्रदेश के जिन 28 जिलों के ग्रामीण इलाकों में सड़कों का निर्माण होना है उसमें पटना, वैशाली, रोहतास, सुपौल, किशनगंज, मधुबनी, सिवान, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, समस्तीपुर, कैमूर, गोपालगंज, भोजपुर, अरवल, जहानाबाद, जमुई, पूर्वी चंपारण, खगड़िया, बांका, लखीसराय व कटिहार शामिल है।