1 रुपये में तय करें 50 किमी का सफर, बिहार मे बना देश की सबसे सस्ती सोलर इलेक्ट्रिक साइकिल

Solar Bicycle: पेट्रोल और डीजल के लगातार बढ़ते दामों (Petrol-Diesel Price Today) के बीच लोग लगातार सीएनजी (CNG) और इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) के विकल्प तलाश रहे हैं। हालांकि सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहन लाखों लोगों के बजट से बाहर है। ऐसे में पारंपरिक इंधन के बिना यात्रा करने वाले लोगों की जरूरत को देखते हुए गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक छपरा (Government Polytechnic Chapra) के कुछ छात्रों ने मिलकर एक ऐसी साइकिल डिजाइन (Solar Electric Bicycle) की है, जिसमें बिना पेंडल मारे आराम से सफर किया जा सकता है। इतना ही नहीं महज ₹1 में आप इस साइकिल के जरिए 50 किलोमीटर का सफर तय कर सकते हैं।

छपरा के छात्रों ने बनाई सोलर इलेक्ट्रिक साइकिल

गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक छपरा के छात्र आदित्य कुमार, स्वाति सिंह, प्रिंस कुमार और नंदिनी सिंह ने साइकिल को डिजाइन किया है। चारों स्टूडेंट्स ने मिलकर सौर ऊर्जा से चलने वाली इस इलेक्ट्रिक साइकिल को कुछ इस तरीके से डिजाइन किया है, जिससे आप बेहद मामूली से खर्च में अपना रोजाना का सफर आसानी से कर सकते हैं। छात्रों ने इस डिजाइन के साथ ये साबित कर दिखाया है कि अगर सोच और इरादे बुलंद हो तो सीमित संसाधनों के साथ भी बड़े लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल नहीं होता।

धूप के साथ अपना आप हो जाती है चार्ज

छपरा के इन पॉलिटेक्निक छात्रों ने सोलर पावर्ड इलेक्ट्रिक साइकिल का निर्माण किया है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसे चार्ज नहीं करना पड़ता, बल्कि इस साइकिल को धूप से अपने आप चार्जिंग मिल जाती है, जिसके बाद यह बड़े आराम से चलाई जा सकती है।

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सोलर इलेक्ट्रिक साइकिल के फीचर्स

इस सोलर इलेक्ट्रिक साइकिल को बनाने वाले 4 छात्रों में डिप्लोमा सेमेस्टर 6 के छात्र भी शामिल है। बता दें इस साइकिल को छात्रों ने खुद डिजाइन किया है। इलेक्ट्रिक साइकिल में 24 वोल्ट और 1800 एमएच की क्षमता की बैटरी का प्रयोग किया गया है। इसके अलावा 250 वाट की ब्रूस मोटर व इसकी रफ्तार को कम करने के लिए हेंडलबार और एक्सीलेटर भी लगाए गए हैं। वही रात में इसे चलाने के लिए इसमें एलईडी लाइट बल्ब भी दिए गए हैं, ताकि आप को साफ रास्ता नजर आ सके।

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एक साइकिल को बनाने में लगे 2 महीने

छात्रों के मुताबिक इस साइकिल की स्पीड 30 किलोमीटर प्रति घंटा की है। साइकिल में दो बैटरी लगी है और अगर इनमें से एक बैटरी की चार्जिंग खत्म हो जाए, तो तत्काल दूसरी बैटरी साइकिल को ऑपरेट करना शुरू कर देती है। छात्रों का कहना है कि सोलर बेस्ट इस साइकिल को बनाने में 2 महीने का समय लगा है, क्योंकि जो उपकरण साइकिल में लगाए गए हैं उन्हें ढूंढने में उन्हें काफी समय लगा। छात्रों का कहना है कि अगर उन्हें पूरे उपकरण दे दिए जाएं तो वह महज 2 दिन में इस साइकिल को बना सकते हैं। बता दें एस साइकिल को बनाने में 25 हजार रुपये की लागत आई है।

1 रु में तय करें 50 किलोमीटर का सफर

इस सोलर इलेक्ट्रिक साइकिल की सबसे खास बात यह है कि यह रोजाना 100 किलोमीटर का सफर महज ₹2 में तय कर सकती है। यानी ₹1 में 50 किलोमीटर तक चल सकती है। इस सोलर बेस्ट साइकिल को बनाने में छात्रों की मदद उनके शिक्षक धनंजय कुमार व सहायक शिक्षक समीर राजा ने भी की है। बिहार के छपरा पॉलिटेक्निक कॉलेज के स्टूडेंट की चर्चा आज इनकी सोलर इलेक्ट्रिक साइकिल के चलते हर कोई कर रहा है।

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