बिहार (Bihar) की राजधानी पटना (Patna) में चल रहे मेट्रो प्रोजेक्ट (Metro Project) के काम में और भी रफ्तार पकड़ ली है। इस कड़ी में कंकड़बाग स्थित मलाही पकड़ी से न्यू आईएसबीटी (ISBT) रूट तक प्रायोरिटी कॉरिडोर का काम बीते काफी दिनों से चल रहा है। वहीं अब अशोक राजपथ (Ashok Rajpath) पर भी मेट्रो का काम कॉरिडोर-2 के मद्देनजर शुरू हो चुका है। साथ ही गांधी मैदान और पटना विश्वविद्यालय (Patna University) के नजदीक अशोक राजपथ पर पटना मेट्रो (Patna Metro Project) के लिए घेराबंदी भी शुरू कर दी गई है। बता दें इन जगहों पर पहले मिट्टी की जांच की जाएगी और इसके पश्चात डिजिटल सर्वे के बाद काम शुरू किया जाएगा।
पटना मेट्रो प्रोजेक्ट ने पकड़ी रफ्तार
जानकारी के मुताबिक आईएसबीटी के पास डिपो का निर्माण क्या जाएगा। साथ ही डिजिटल सर्वे के बाद स्टेशन के लिए पिलर की नींव भी रखी जाएगी। इन सभी के तहत सर्वे शुरू कर दिया गया है। कॉरिडोर-2 में पटना स्टेशन से न्यू आईएसबीटी तक तकरीबन एक दर्जन स्टेशन बनाए जाएंगे, जिसमें पटना स्टेशन से फ्रेजर रोड गांधी मैदान पीएमसीएच से होते हुए राजेंद्र नगर तक सात भूमिगत स्टेशन का निर्माण किया जाएगा।
इसके अलावा मलाही पकड़ी से लेकर न्यू आईएसबीटी तक पांच एलिवेटेड स्टेशन बनाए जाएंगे। बता दे प्रायोरिटी कॉरिडोर के अंतर्गत एलिवेटेड स्टेशन का काम साल 2030 में पूरा होने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस कड़ी में पटना मेट्रो प्रोजेक्ट ने रफ्तार पकड़ ली है, ताकि निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत सभी कामों को पूरा किया जा सके।
जापान की ‘जायका’ निभा रही अहम भूमिका
गौरतलब है कि पटना मेट्रो के काम से जायका यानी जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। मालूम हो कि पटना मेट्रो प्रोजेक्ट में भूमिगत रूट के लिए बड़े फंड की जरूरत पड़ेगी, जोकि जायका और अन्य वित्तीय संस्थानों से लिया जा सकता है। वह इस मामले पर जाएगा के अधिकारी दल ने इस महीने पटना मेट्रो प्रोजेक्ट का एक बार फिर से दौरा किया है। बता दे जाएगा से वित्तीय सहायता मिलने के साथ ही करीबन 1 दर्जन महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के टेंडर की प्रक्रिया पर काम शुरू हो गया है।
याद दिला दे बीते साल नवंबर में ही जायका के जापान मुख्यालय की तरफ से पटना मेट्रो का सर्वे भी किया गया था। इस दौरान पटना मेट्रो की प्रगति रिपोर्ट में कहा गया था कि पटना मेट्रो के निर्माण कार्य के लिए 72.56 प्रतिशत जमीन उपलब्ध है, जिसके सिविल वर्क में करीबन कुल खर्च 4695.49 करोड़ रुपए का हो सकता है। इसके अलावा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण जाने एनएचएआई और पथ निर्माण विभाग की जमीन पर 3407 करोड़ से अधिक के बजट पर काम होना है।
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