बिहार: बच गई संविदा कर्मियों की नौकरी, नए नियम के चलते अपराध के स्तर पर तय होगा दंड

बिहार रूरल डेवलपमेंट सोसायटी (Bihar Rural Development Department) में कार्यरत संविदा कर्मचारियों व अधिकारियों की अनुशासनात्मक कार्रवाई जारी है, लेकिन अब इस कार्रवाई के मद्देनजर उनकी नौकरी सीधे (Bihar Rural Development No Longer Loose Job Immediately) नहीं जाएगी। दरअसल बीआरडीएस कार्यकारिणी समिति ने अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रधान में कुछ नए बदलाव करते हुए संशोधन किया है, जिसके तहत अब कर्मचारियों और अधिकारियों को नौकरी से तुरंत बर्खास्त नहीं किया जाएगा। क्या है बिहार रूरल डेवलपमेंट सोसायटी का नया नियम? आइए हम आपको बताते हैं।

Bihar Government New Rule

बिहार रूरल डेवलपमेंट सोसायटी ने बदले नियम

दरअसल मौजूदा अनुबंध पर नियोजित बीआरडीएस कर्मियों एवं पदाधिकारियों के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई में अनुबंध को रद्द करने और संविदा को समाप्त करने का नियम था, जिसके मद्देनजर राज्य के हजारों मनरेगा कर्मियों को लाभ मिल रहा है। आयुक्त मनरेगा शहर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बीआरडीएस सीपी खंडूजा ने राज्य के सभी डीएम और डीडीसी को नियमावली के साथ ही कुछ नए दिशा निर्देश भी दिए हैं।

Bihar Government New Rule
प्रतीकात्मक तस्वीर

अपराध के स्तर पर तय होगी सजा

नए निर्देशों के मद्देनजर कर्मियों, अधिकारियों के खिलाफ दोष की प्रकृति एवं गंभीरता के मुताबिक ही उन्हें दंड दिया जाएगा। यानी आरोप के अनुसार दंड के नियमों को 7 श्रेणियों में रखा गया है। लिखित चेतावनी बिना संचीय प्रभाव के तीन वार्षिक वृद्धि पर रोक संजीव प्रभाव के साथ अधिकतम तीन वार्षिक मानदेय वृद्धि पर रोक के अलावा 1 से 5 साल तक के लिए पांच से 25% तक मूल मानदेय में कटौती भी की जा सकती है। ऐसे में कार्य के आधार पर मिलने वाले भत्ते में कटौती की जाएगी। साथ ही गबन करने पर संविदा समाप्त कर गबन की राशि भी वसूली जाएगी और साथ ही वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी।

Bihar Government New Rule
प्रतीकात्मक तस्वीर

कौन करेगा किस पर कार्रवाई

गौरतलब है कि इस मामले में कार्रवाई के लिए प्रखंड पंचायत स्तर के पदाधिकारियों के लिए प्रशासनिक पदाधिकारी डीडीसी होंगे। अपीलीय प्राधिकार में डीएम और पुनरीक्षण प्राधिकार में प्रधान सचिव ग्रामीण विकास विभाग कार्रवाई करेगा। वही जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को छोड़कर जिला स्तरीय पदाधिकारी कर्मचारी के लिए प्रशासनिक प्राधिकार डीएम और अपीलीय प्राधिकार प्रधान सचिव होंगे। इसके अलावा जिला कार्यकारी पदाधिकारी एवं राज्य स्तरीय कर्मी पदाधिकारी पर कार्रवाई आयुक्त मनरेगा के स्तर पर की जाएगी। इस मामले में प्रधान सचिव से अपील की जा सकती है।

Kavita Tiwari