बिहार में जमाबंदी पंजी से खत्म होगा जमीनी विवाद! अब इस रजिस्टर मे दिखेगा बैक के पास गिरवी रखी जमीन

Bihar Jamabandi Register: अगर आप भी किसी जमीनी विवाद में फंसे हुए हैं तो अब और ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब एक ऐसे नियम आ गया है जिसके बाद किस बैंक के पास, राज्य की कौन सी जमीन गिरवी है या नहीं… इसकी पूरी जानकारी जमाबंदी पंजी पर आप आसानी से देख सकते हैं। दरअसल जमाबंदी पंजी को लेकर राज्य एवं भूमि सुधार विभाग ने एक नई तरह की तैयारी की है। विभाग का इसे शुरू करने का एकमात्र मकसद जमीनी विवाद को खत्म करना है।

गौरतलब है कि राज्य के सभी बैंकों से जमाबंदी पंजी सुविधा को उपलब्ध कराए जाने की मांग की जा रही है। खास बात यह है कि नए कार्य से राज्य की रैयतों को भी फायदा मिलेगा। मालूम हो कि इस नए नियम से जुड़ी पूरी जानकारी राज्य एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक कुमार मेहता ने अपने विभागीय कक्ष में आयोजित किए गए एक संवाददाता सम्मेलन में साझा की है।

जमाबंदी पंजी से खत्म होगा जमीनी विवाद

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक कुमार मेहता द्वारा साझा की गई इस जानकारी में बताया गया कि किसी रैयत द्वारा अगर किसी जमीन को बैंक में लोन लेने के तहत बंधक रखा गया है, तो ऐसी स्थिति में लोन से संबंधित विवरण को जमाबंदी पंजी में देखा जा सकता है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा पूर्व में सभी बैंकों को एलपीसी के आधार पर जमाबंदी पंजी में लोन से संबंधित विवरण दर्ज करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। ऐसे में बैंकों की ओर से दिए गए लोन से संबंधित पूरा विवरण जमाबंदी पंजी में दिखाया जा रहा है। सरकार के इस नए नियम के साथ लोग बंधक रखी गई जमीन की खरीद और बिक्री से बचेंगे, जिससे जमीनी विवाद में कमी आएगी।

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वही इस दौरान राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने एक मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया। इस मोबाइल ऐप के माध्यम से पूरे राज्य के वासविहिन लोगों का ब्यौरा तैयार किया जाएगा। साथ ही बेघर लोगों का पंचायत द्वारा सर्वे कराने की जिम्मेदारी भी राजस्व कर्मचारियों को दी जाएगी। ऐसे लोगों का पता लगाने के लिए राजस्व कर्मचारियों को 30 जून 2023 तक का समय दिया गया है।

यहां दर्ज होगा जमींन के मालिक से जुड़ा पूरा ब्यौरा

बता दें कि इस ऐप में जिला अंचल मौजा बार लाभार्थियों का डेटाबेस भी तैयार किया जाएगा, जहां ऐप में लाभार्थी के नाम के साथ-साथ उसके पति का नाम, पत्नी का नाम, आधार नंबर, परिवार के हर सदस्य का कंप्लीट ब्योरा और साथ ही मोबाइल नंबर भी दर्ज किया जाएगा। इसमें लाभार्थियों की कैटेगरी का भी उल्लेख किया जाएगा।

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