बिहार: अब ‘मुखिया जी’ पिस्टल लेकर घूमेंगे गांव! पंचायत प्रतिनिधियों दिया जाएगा लाइसेंस, क्या हैं ये नियम?

बिहार (Bihar) में पंचायत चुनाव (Panchayat Chunav) के बाद से लगातार जनप्रतिनिधियों की हत्याओं का मामले तूल पकड़ते जा रहा हैं। हत्याओं के चलते इस दौर से निपटने के लिए नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने सरकार (Bihar Government) से सुरक्षा की गुहार लगाई थी। साथ ही उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ हथियार के लिए लाइसेंस (Arms License Permission) की अनुमति देने की मांग भी सरकार के समक्ष रखी थी, जिसे मंजूरी देते हुए सरकार ने जरूरतमंद और पंचायत प्रतिनिधियों की शर्तों को आधार बनाते हुए लाइसेंसी हथियार (Arms License) मुहैया कराने की बात कही हैं।

Bihar Panchayat

पंचायत जनप्रतिनिधों को मिलेंगी लाइसेंसी हथियार!

गौरतलब है कि सरकार द्वारा इस मुद्दे पर सभी जिलों के डीएम और एसपी को पत्र लिखा गया है। इस पत्र में इस बात की चर्चा की गई है कि पंचायती राज विभाग की तरफ से अनुरोध किया गया है कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा शास्त्र संबंधी पूर्व के नियमों को अधिक्रमित करते हुए शस्त्र नियम 2016 अधिसूचित किया जाए। बता दें यह नियम 15 जुलाई 2016 से प्रभावी रहा है, वहीं अब आयु संबंधी यह सभी मामले आयुध अधिनियम 2016 के तहत संपादित किए जाते हैं।

Arms License Latter

डीएम और एसपी को सरकार ने भेजा पत्र

गौरतलब है कि इन नियमों के मद्देनजर शस्त्र अनुज्ञप्ति को स्वीकृति के लिए जिला पदाधिकारियों के समक्ष प्राधिकार माना जाएगा। गृह विभाग के अपर सचिव ने इस मामले में सभी जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में इस बात का जिक्र किया है कि शस्त्र अनुज्ञप्ति की स्वीकृति संबंधी आयुध अधिनियम 2016 का दृढ़ता से पालन होना अनिवार्य है, जिसके मद्देनजर पंचायती राज प्रतिनिधियों से प्राप्त शस्त्र अनुज्ञप्ति से संबंधित आवेदन को नियमानुसार निष्पादित किया जाए।

Arms License

वहीं अब सरकार के इस आदेश के बाद यह देखना बेहद जरूरी है कि मुखिया समेत पंचायत के अन्य जनप्रतिनिधियों की लाइसेंसी हथियार देने की मांग किस हद तक पूरी की जाएगी। बता दे बिहार के पंचायत चुनाव के बाद से ही अब तक मुखिया समेत कई अन्य पंचायत प्रतिनिधियों पर हमले की खबर लगातार तूत पकड़ती रही है। ऐसे में बिहार सरकार अनुमति से यह उम्मीद जता रही है कि मुखिया समेत अन्य जनप्रतिनिधियों को लाइसेंसी हथियार मिलने के बाद इन मामलों में कमी आ सकती है।

Kavita Tiwari