Bihar plantation scheme: बिहार सरकार (Bihar Government) किसानों के हित में लगातार एक के बाद एक फैसले कर रही है। इस कड़ी में अब सरकार ने खेत की मेड पर जामुन, आंवला, कटहल, बेल और बेर के पौधे लगाने को लेकर एक नया ही ऐलान कर दिया है। सरकार ने किसानों की आय में वृद्धि करने की दिशा में एक नया फैसला लेते हुए कहा है, कि अगर किसान अपने खेतों के मेड पर फलदार पौधे लगाते हैं तो सरकार की ओर से उन्हें अनुदान दिया जाएगा। सरकार कृषि विभाग सात निश्चय-2 के तहत किसानों को अनुदान देकर खेतों की मेड़ पर फलदार पौधे लगाने के लिए प्रेरित करेगी। सूक्ष्म सिंचाई आधारित शुष्क बागवानी योजना पर अगले 3 साल में करीब 3 करोड़ रुपए निवेश करने की प्लानिंग सरकार की ओर से बनाई गई है।
किसानों को अनुदान देने की प्लानिंग कर रही सरकार
गौरतलब है कि सेंसर ऑफ एक्सीलेंस देसरी, आंवला, मीठे नींबू के पौधे, कटहल, बेल, अनार, बेर, जामुन आदि के पौधे किसानों को सरकार की ओर से उपलब्ध कराए जायेंगे। किसान अपनी पसंद के हिसाब से अपने खेतों की मेड़ पर फलदार पौधों को लगाने का चयन कर सकते हैं। मालूम हो कि फल-पौधे के अनुदान की राशि योजना की राशि से काटकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस देसरी की ओर से वैशाली को उपलब्ध कराई जाएगी।
मेड पर पौधे लगाने पर बिहार सरकार देगी अनुदान
सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य फलों को क्षेत्र विस्तार देना है। सरकार का कहना है कि वह ऐसे फलों का विस्तार करना चाहती है, जो सामान्यतः कम मात्रा में राज्य में लगाए जाते हैं। उसे आम लोगों को उपलब्ध कराना ही लक्ष्य है। इस मामले पर कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बुधवार को जानकारी साझा करते हुए बताया कि पिछले साल शुष्क बागवानी योजना के तहत 566 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तार किया गया था। वहीं इस साल 875 हेक्टेयर का विस्तार किया जा रहा है।
किन किसानों को अनुदान देगी सरकार
इस योजना के मद्देनजर सरकार किसानों को फलदार पौधे लगाने के लिए अधिकतम 4 हेक्टेयर तक और कम से कम 0.1 हेक्टेयर क्षेत्र में पेड़ लगाने के लिए अनुदान देगी। इस योजना का लाभ उठाने वाले किसान अनुदान के लिए आवेदन कर सकते हैं। बता दे इस योजना का लाभ उन किसानों को दिया जाएगा, जो अनिवार्य रूप से ड्रिप सिंचाई करते हैं। साथ ही 2400 कृषिकों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस द्वारा इस मामले में प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
मालूम हो कि कम पानी में होने वाले शुष्क फूलों के लिए 60 हजार प्रति हेक्टेयर की दर से 3 वार्षिक किस्तों में पूरी राशी अनुदान के तौर पर दी जाएंगी। लागत और रोपड़ सामग्री पर होने वाले खर्च को पूरा करने के लिए 30 हजार प्रति हेक्टेयर अथवा लागत का 50% अनुदान के रूप में दिया जाएगा।
कृषि मंत्री ने साझा की योजना से जुड़ी जानकारी
इस योजना से जुड़ी जानकारी साझा करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि किसान अगर मांग करेंगे, तो फल पौधों के बीच की खाली जगह के लिए अधिकृत उद्यान विकास योजना से सब्जी के 7500 पौधे प्रति हेक्टेयर उपलब्ध कराए जाएंगे। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस चंडी, नालंदा से एकीकृत उद्यान विकास योजना के जरिए संकर प्रभेद के टमाटर, बैंगन, मिर्च, पत्तागोभी, लत्तीदार सब्जियां और फूलगोभी के पौधे भी किसान को उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और उन्हें आर्थिक स्तर पर लाभ मिलेगा।
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