बिहार को सड़कों से जुड़ी योजनाओं के लिए मिले 1200 करोड़, पटना सहित कई जिलों को फायदा

सड़क सुरक्षा को लेकर बिहार में एनएचएआइ द्वारा 215 योजनाओं को मंजूरी दी गई है। इस परियोजनाओं को पूर्ण करने मे 12 सौ करोड़ रूपये लागत आने की सम्भावना है। विशेष बात यह है कि परियोजना को मंजूरी दिए जाने के बाद इससे जुडा़ निर्माण कार्य सरकार द्वारा ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित किए गए जगहों पर ही होगा । इस परियोजना के तहत अंडरपास, फुट ओवरब्रिज, सर्विस लेन का निर्माण कराया जाएगा तथा सड़क की ज्यामितीय संरचना में बदलाव भी की जायेगी ।एनएचएआइ के क्षेत्रीय अधिकारी चंदन वत्स से मिली जानकारी के मुताबिक राजधानी पटना के बाइपास पर करमली चक में अंडर पास तथा मसौढ़ी में एक फ्लाईओवर का निर्माण कराया जाना भी इस योजना मे शामिल है। ये निर्माण कार्य सड़क सुरक्षा योजना के तहत कराया जाएगा।

गोपालगंज से मुजफ्फरपुर एनएच-28 मे भी इस तरह के निर्माण कार्य के लिए मंजूरी मिली है। यहाँ कांटी थर्मल पावर स्टेशन के नजदीक फुट ओवर बिज, बंझुआला चौक पर क्लेवरलिफ इंटरेंज, बैरागी बाजार के पास अंडरपास, काली के अंडर पास, पनसलवा के पास अंडरपास, मां छिन्नमस्तिका मंदिर के पास सर्विस रोड, नरियार के पास सर्विस रोड, खरिका चौक के पास सर्विस रोड, नेता चौक के पास अंडर पास, चैनपट्टी के पास अंडर पास, देवापुर के समीप सर्विस रोड तथा बलथरी के पास सर्विस रोड का निर्माण कार्य का प्रस्ताव है।

इसके साथ ही मुजफ्फरपुर-दरभंगा-पूर्णिया रोड के लिए भी निर्माण प्रस्ताव है। यहाँ सड़क पर बखरी, गरहा चौक, संगमघाट तथा मंझौली चौक के पास अंडरपास बनवाए जाएंगे। सड़क की संरचना में ज्यामीतिय बदलाव का प्रस्ताव पटना-गया-डोभी सड़क में बजौर तथा करमोनी मोड़ के नजदीक के लिए किया गया है। ये बदलाव एनएचएआइ द्वारा स्वीकार किए गए हैं। यह बदलाव उस रिपोर्ट के आधार पर मंजूर किए गए है जिसमें सड़क संरचना को सड़क हादसे के लिए जिम्मेदार माना गया है।

बिहार मे सड़क हादसे मे मरनेवाले की संख्या सबसे अधिक

गौरतलब है कि बिहार मे सड़क हादसे मे मरनेवाले की संख्या सबसे अधिक है। इसे रोकने के लिए कुछ दिन ही पहले राज्य के सभी एम्बुलेन्स को एक ही आपातकालीन नंबर से जोड़ा गया था जिसमें प्राइवेट एम्बुलेन्स भी शामिल किये गए थे । अब सड़क हादसे को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा के अंतर्गत सड़क मे सुधार का यह प्रस्ताव मंजूर किया गया है। जाहिर है कि सम्बंधित विभाग और सरकार सड़क हादसे को कम करने के लिए गंभीर है।

Manish Kumar

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