बिहार की भौगोलिक स्थिति के चलते राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ की त्रासदी तो कई हिस्सों में सुखाड़ किसानों से लेकर ग्रामिणों तक के लिए परेशानी की वजह बनता है। इतना ही नहीं दक्षिणी बिहार के कई जिले तो ऐसे भी हैं, जहां जल की समस्या के चलते लोगों को बूंद-बूंद जल के लिए तरसना पड़ता है। ऐसे हालातों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा साल 2020 में गंगा जल आपूर्ति योजना की शुरुआत की गई थी, जिसका सफल ड्राई रन 11 मई और 15 मई को प्रारंभ किया गया था। वहीं अब इस योजना से नालंदा, नवादा, गया और राजगीर जिले के लाखों लोगों को शुद्ध पीने का जल मुहैया कराने की कड़ी में काम चल रहा है।
गंगा जल आपूर्ति योजना से हर घर पहुंचेगा शुद्ध जल
हर घर शुद्ध जल पहुंचाने की कवायद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जलापूर्ति योजना के जरिए 190 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाई गई है, जिसके जरिए गंगा नदी का पानी मोकामा के हाथीदह से राजगीर होते हुए गया तक लाया जाएगा। बता दे इस योजना के तहत कुल 150.58 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के लगभग 148.3 किलोमीटर में पाइप लाइन बिछाने का काम काफी पहले पूरा कर लिया गया था।
#बिहार की पहली एवं अतिमहत्वाकांक्षी गंगा जल आपूर्ति योजना का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।
हमें खुशी है कि #राजगीर में निर्मित जलाशयों में 2 MCM (मिलियन क्यूबिक मीटर) से अधिक गंगा जल का भंडारण हो गया है।@WRD_Bihar द्वारा अगले माह #गया में भी गंगा जल का भंडारण शुरू किया जाएगा। pic.twitter.com/3VRhGPTS9r
— Sanjay Kumar Jha (@SanjayJhaBihar) September 23, 2022
जल संसाधन मंत्री ने साझा की जानकारी
वही अब इस मामले की ताजा स्थिति के बारे में जानकारी साझा करते हुए बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि बिहार की पहली एवं अतिमहत्वकांक्षी गंगा जल आपूर्ति योजना का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने आगे बताया कि हमें खुशी हो रही है कि राजगीर में निर्मित जलाशयों में दो 2 MCM (मिलियन क्यूबिक मीटर) से अधिक गंगाजल का भंडारण हो गया है। आने वाले दिनों में इस काम को युद्ध स्तर पर करते हुए अगले महीने तक गया में भी गंगाजल का भंडारण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
इसके साथ ही उन्होंने जल भंडारण का एक वीडियो भी साझा किया है। मालूम हो कि सबसे पहले हाथीदह में लगे हैवी सुपर पावर मोटर के जरिए गंगा को अपलिफ्ट कर के पाइप के जरिए राजगीर के गिरियक में बने डिटेंशन टैंक में पहुंचाने का काम किया गया था। इस कड़ी में मोकामा से चले गंगा जल को सबसे पहले राजगीर में बने डिटेंशन टैंक में ही स्टोर किया जाता है।
86 प्रतिशत काम हुआ पूरा
बता दें ये टैंक ऐसी जगह बनाया गया है जहां से पानी की सप्लाई शहर वासियों को 8 महीने तक लगातार मिलती रहेगी। गंगा पेयजल की आपूर्ति सिर्फ बरसात के दिनों में ही नहीं, बल्कि 12 महीने के लिए की जा सकती है। बाकी 8 महीने रिजर्व से आपूर्ति की जाएगी। 4,174.81 करोड रुपए की लागत से इस योजना के जरिए अब हर घर जल पहुंचाया जाएगा। बता दे इस योजना का 86% काम पूरा हो चुका है। मालूम हो कि इसके पूरा होने का लक्ष्य जून 2022 निर्धारित किया गया था, हालांकि किन्ही कारणों से इसमें देरी हो गई है।
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