नहीं रहे बिहार के पूर्व मंत्री रमई राम, लालू-राबड़ी से नीतीश कैबिनेट तक संभाला पदभार

बिहार सरकार (bihar Government) के पूर्व दिग्गज मंत्री और आरजेडी के वरिष्ठ नेता रमई राम का आज निधन (Ramai Ram Death) हो गया। बता दे वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पिछले कुछ दिनों से  पटना के मेदांता अस्पताल (Ramai Ram Died In Medanta Hospital) में उनका इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस लेते हुए दुनिया को अलविदा कह दिया।

Ramai Ram

बिहार के पूर्व मंत्री रमई राम का निधन

रमई राम ने अपने राजनीतिक करियर में बिहार के तीन मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया। उन्होंने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और नीतीश कुमार की सरकार में 5 बार अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी संभाली। उनके निधन से बिहार की राजनीति को एक तगड़ा झटका लगा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी उनके निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक संवेदना जाहिर की है।

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रमई राम का राजनीतिक सफर

बता दे रमई राम कुल 9 बार विधायक पद संभाल चुके थे। उन्होंने तीन बार आरजेडी के टिकट पर, एक बार जेडीयू के टिकट पर और दो बार जनता दल के टिकट पर रहते हुए पदभार संभाला था। इसके अलावा उन्होंने तीन अन्य दलों के प्रत्याशियों के साथ भी चुनावी मैदान में उतरते हुए अपनी जीत का परचम लहराया था। हालांकि साल 2015 और 2020 में लगातार उन्होंने दो बार हार का मुंह देखा।

Ramai Ram

लालू-राबड़ी और नीतीश संग राजनीति में दिखाया दम

बोचहां को उनका राजनैतिक किला कहा जाता है। इसे विधानसभा क्षेत्र से उन्होंने सर्वाधिक समय तक प्रतिनिधित्व करते हुए जीत का परचम लहराया था। इसी विधानसभा से पिछले उपचुनाव में उन्होंने अपनी बेटी गीता देवी को वीआईपी उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतारा था। साल 1994 में जन्मे रमई राम लंबे समय तक राज्य और राजस्व के साथ-साथ भूमि सुधार मंत्री के पद पर कार्यरत रहें।

Ramai Ram And CM Nitish Kumar

सीएम नीतीश कुमार ने जताया शोक

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रमई राम के निधन पर शोक संवेदना जाहिर करते हुए कहा- उन्होंने मंत्रिमंडल सहयोगी के रुप में कुशलता पूर्वक अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया था। वह अपने क्षेत्र में बेहद लोकप्रिय थे। कुशल राजनेता, कुशल समाजसेवी के तौर पर उनकी पहचान थी। दलितों एवं वंचितों के उत्थान के लिए उन्होंने कई काम किये। वह मिलनसार स्वभाव के व्यक्ति थे। उनसे हमारा पुराना रिश्ता था। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने उनकी बेटी गीता कुमारी से बात कर सांत्वाना दी।

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