बिहार: सरकारी स्कूलों में पढ़ाई हुई महंगी, 300% की बढ़ोतरी के साथ जाने कितनी बढ़ी फीस

बिहार (Bihar) में बढ़ी स्कूल फीस (School Fees Increased) के साथ अब नए सत्र में एडमिशन कराना आपकी जेब पर भारी पड़ने वाला है। दरअसल राज्य के सभी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में स्कूल फीस बढ़ा दी गई है। ये आदेश शिक्षा विभाग की ओर से जारी किया गया हैं। बता दे नए सत्र में 1 अप्रैल से एडमिशन की प्रक्रिया (Bihar School Admission In New Session Starts) शुरू हो जाएगी, जिसके लिए अभिभावकों को अब फीस (School Fees Increased In Bihar) के तौर पर ज्यादा रकम चुकानी होगी।

Bihar School Fees

बिहार के सरकारी स्कूलों की बढ़ी फीस

राज्य के सभी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा के आधार पर बढ़ी फीस की बात करें, तो बता दे 9वीं व 11वीं में प्रवेश शुल्क 50-50 रूपये कर दिया गया है। पहले यह शुल्क नौवीं के छात्रों के लिए ₹20 और ग्यारहवीं के छात्रों के लिए ₹15 था। वहीं 9वी में विकास शुल्क एक ₹80 के आंकड़े पर पहुंच गया है। पहले दो किस्त में यह राशि चुकानी होती थी। वही 11वीं में अब विकास शुल्क ₹200 देना होगा, पहले यह ₹160 था। इसके अलावा जिले के कई स्कूलों के प्रिंसिपल्स के मुताबिक नौवीं में एडमिशन के लिए ₹181 और 11वीं में एडमिशन के लिए ₹165 अधिक चार्ज लगेगा।

Bihar School Fees

बता दें इसके साथ ही कई विषयों से लिया जाने वाला शुल्क खत्म कर दिया गया है। इस कड़ी में 11वीं में सांस्कृतिक कार्यक्रम व प्रोस्पेक्टर्स मदद के लिए दिया जाने वाला शुल्क खत्म कर दिया गया है। पहले 11वीं में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को इन दोनों मद में 50-50 रुपये देने होते थे, लेकिन नए सत्र में यह राशि भुगतान खत्म कर दिया गया है। इसके अलावा खेल-कूद, मनोरंजन, विद्युत, रख-रखाव, परिचय पत्र, कार्यक्रम, एवं परीक्षा शुल्क की भी भुगतान राशी बढ़ा दी गई है।

Bihar School Fees

अब नहीं भरने होंगे ये फाइन

इसके साथ ही अनुपस्थिति पर भी दंड भुगतान करना होगा। मालूम हो पहले 10 दिन अनुपस्थित रहने पर या शुल्क जमा न करने की स्थिति में ₹7 फाइन लगाया जाता था। इसके साथ ही मध्याह्न के बाद अनुपस्थित रहने पर ₹1 फाइन लगता था। अनुपस्थिति दंड और विलंब शुल्क को भी खत्म कर दिया गया है। इसके अलावा नौवीं के स्टूडेंट्स को उसी स्कूल में नामांकन होने की स्थिति में 11वीं एडमिशन शुल्क नहीं देना होगा।

 

Kavita Tiwari