मात्र ढाई घंटे में दनदनाते बिहार से पहुंच जाएंगे काठमांडू, सुरंगों से गुजरना होगा, ये हैं परियोजना

भारत और नेपाल (Indo-Nepal) के संबंध इन दिनों बेहद मजबूत स्थिति में दिख रही है। गत 4 अप्रैल को भारत और नेपाल के प्रधानमंत्री क्रमशः पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और शेर बहादुर देवा (Sher Bahadur Deuba) ने संयुक्त रूप से दोनों राष्ट्रों के बीच रेल परियोजना (New Rail Project) का लोकार्पण किया। 8 साल के इंतजार के पश्चात भारत और नेपाल के बीच 35 किलोमीटर लंबी रेल परियोजना (Indo-Nepal Rail Project) का उद्घाटन हुआ। दोनों देशों के बीच शुरू हुई इस रेल सेवा की टोटल लंबाई 34.9 किलोमीटर है। इस रेलमार्ग पर 15 बड़े और 127 छोटे पुल का निर्माण हुआ है। बताया जा रहा है कि इससे परियोजना के शुरू होने से इस क्षेत्र की सूरत बदल जाएगी।

Raxaul Kathmandu Rail Line Project

जयनगर से कुर्ता रेलवे मार्ग पर 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ेगी। 1100 यात्री एक ही समय में सफर कर सकेंगे। इसका मुख्य बात यह है कि भारत और नेपाल के नागरिक के सिवाय किसी भी दूसरे राष्ट्र के नागरिक इस ट्रेन में आवश्यक प्रमाण पत्र के साथ जर्नी कर सकेंगे।

Raxaul Kathmandu Rail Line Project

दूसरी ओर, सीमांचल इलाके के अररिया जिले के जोगबनी से नेपाल के जयनगर तक निर्माण कार्य लास्ट फेज में चल रहा है। बिहार के पश्चिमी चंपारण के रक्सौल से नेपाल के काठमांडू तक रेल लाइन बनाने का प्लान है। इसके लिए अंतिम चरण में सर्वे चल रहा है।

Raxaul Kathmandu Rail Line Project

बता दें कि 136 किलोमीटर लंबी इस रेल रूट में 41 बड़े रेल पुल, 32 रोड ओवरब्रिज, 259 छोटे पुल भी होंगे, 39 छोटी-बड़ी सुरंगें, 53 अंडरपास ये सब कुल 41.87 किलोमीटर लंबी है। बताया जा रहा है कि 16 हजार 550 करोड़ रूपए की राशि के लागत से होना है। बता दें वर्तमान में लोगों को नेपाल जाने के लिए बस या निजी गाड़ी से जाने की सुविधा है।

Kavita Tiwari