बिहार के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी भी अब से लगायेंगे पांचों अंगुलियों की छाप, सैलरी के लिए करना होगा ये जरूरी काम

बिहार सरकार (Bihar Government) सचिवालय से लेकर जिला कार्यालय तक में कार्यरत कांटेक्ट कर्मचारियों (Contract Workers) का डेटाबेस तैयार करने की जुगत में जुटी हुई है। ऐसे में नियमित सरकारी कर्मियों की तरह ही अब उनकी भी सेवा पुस्तिका यानी सर्विस बुक तैयार की जाएगी। खास बात यह है कि सर्विस पुस्तक के माध्यम से उनके नियोजन से लेकर उनके अवकाश तक का पूरा रिकॉर्ड रखा जाएगा, जिसके लिए उन्हें सरकार के नए निर्धारित फॉर्मेट के मद्देनजर अपने अंगूठे से लेकर अपने हाथ की पांचों उंगलियों की छाप देनी होगी।

कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को देना होगा अब पूरा ब्यौरा

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा साझा जानकारी के मुताबिक कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका तैयार करने की जिम्मेदारी उनसे संबंधित विभाग और कार्यालय को सौंपी गई है, जिसके मद्देनजर हर विभाग में इसके लिए अलग से नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। सेवा पुस्तिका में संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) कर्मी का नाम, पिता का नाम, राष्ट्रीयता, स्थाई पता, एससी-एसटी होने का ब्यौरा, जन्मतिथि, आधार नंबर, शैक्षणिक योग्यता, लंबाई, शरीर पर निशान की पहचान, शिक्षा से जुड़ा ब्यौरा, योजना-परियोजना का नाम और कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी सारी डिटेल देनी होंगी। बता दे अब इसे हर 5 साल में अपडेट किया जाएगा। इसके साथ ही यह भी अनुमान जताया गया है कि इस व्यवस्था में करीबन 4.5 लाख कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों का रिकॉर्ड राज्य सरकार के पास दर्ज होगा।

कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों की सेवा को परमानेंट किए जाने की मांग पर गठित उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसा के आधार पर राज्य सरकार आगे की कार्रवाई करेगी। बता दे अप्रैल 2015 में गठित इस समिति ने अगस्त 2018 में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी थी। समिति ने इस दौरान ऐसे कर्मचारियों को दो श्रेणियों स्थाई और अस्थाई में बांटते हुए अपनी रिपोर्ट दी थी।

वहीं मामले पर सामान्य प्रशासन विभाग ने जनवरी 2021 में कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर नियोजन की प्रक्रिया और मार्गदर्शक सिद्धांत को लेकर एक संकल्प जारी किया है, जिसके मुताबिक सेवा पुस्तिका तैयार किए जाने को लेकर जनवरी 2022 में सभी विभागों को एक फॉर्मेट तैयार करके भेजा जाएगा और इसी के आधार पर आगे कार्रवाई होगी।

Kavita Tiwari