बिहार: प्रारंभिक विद्यालयों के बच्चों को मिड-डे-मिल से पहले मिलेगा नाश्ता, बाहर से पैक्ड फूड पोषक तत्वों से होगा भरपूर

बिहार के 72 हजार प्रारंभिक विद्यालयों में अध्ययनरत 1.66 करोड़ बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन (मिड-डे मील) से पहले नाश्ता देने की शुरुआत की जाएगी। केंद्र सरकार द्वारा इस सम्बन्ध मे दिशा-निर्देश जारी किए गए थे, जिस पर अमल करते हुए अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ ही बच्चों की सेहत पर ध्यान देने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। शिक्षा विभाग के स्तर से इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। अब सभी सरकारी स्कूल के बच्चों का हेल्थ कार्ड तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही उन बच्चो को मध्याह्न भोजन के साथ सुबह का नाश्ता भी दिया जाएगा।

कुपोषण से प्रभावित जिलों से शुरू होगी योजना की शुरुआत

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा प्री-नर्सरी और प्रारंभिक विद्यालयों में बच्चों की स्वास्थ्य का ध्यान हुए मध्याह्न भोजन से पहले नाश्ता देने की योजना को सहमति दी गई है। अभी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को सिर्फ मध्याह्न भोजन ही दिया जाता है। जो जिले कुपोषण से सबसे ज्यादा प्रभावित है, उन जिलों से ही बच्चो को सुबह का नाश्ता देने की शुरुआत की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत सभी बच्चों का हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। यूनिसेफ के द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य का सर्वेक्षण भी कराया जाएगा।

प्री-नर्सरी के बच्चों को भी मिलेगा खाना

प्री-नर्सरी बच्चों को भी मध्याह्न भोजन से पूर्व पौष्टिक नाश्ता खाने के लिए दिया जाएगा। ध्यान देने योग्य बात यह है कि नाश्ता स्कूल के किचेन में नहीं बनेगा, बल्कि क्षेत्रीय स्वयंसेवी या महिला संगठनों की मदद से नाश्ता तैयार कराया जाएगा। यह पैक्ड फूड पोषक तत्वों से भरपूर होगा। केंद्र सरकार ने इस योजना को लागू करने के सम्बन्ध मे राज्य सरकार से सुझाव भी मांगा है। इतना तय है कि यह किसी कंपनी का उत्पाद नहीं होगा। हेल्थ कार्ड और नाश्ते की योजना के साथ मध्याह्न भोजन की योजना का विस्तार करने की तैयारी की जा रही है। अब इसके अंतर्गत प्री-प्राइमरी या बाल वाटिका भी शामिल होगी। फिलहाल पूरी स्कीम के दायरे में पहली से आठवीं तक के ही छात्र् छात्रा शामिल हैं।

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