बिहार जाति जनगणना: हर जाति का होगा अपना कोड नंबर, जाने ब्राह्मण, राजपूत और यादव की पहचान के कोड, देखें

Bihar Caste Census: बदलते बिहार की तस्वीर में अब नई नंबर रैंकिंग जुड़ने वाली है, जिसके मुताबिक राज्य में जातियों के लिए अब कोड नंबर जारी किए जाएंगे। कौन किस जाति का है इस बात का पता उनके अंको के कोड नंबर से चलेगा। जाति आधारित गणना के लिए यह व्यवस्था बनाई जा रही है, जिसमें हर जाति के लिए एक अलग कोड अंक जारी किया जाएगा। जाति आधारित गणना के प्रपत्र के अलावा पोर्टल और ऐप जातियों के नाम के साथ यह विशेष अंक भी मौजूद रहेगा।

हर जाति का होगा अपना कोड नंबर

बिहार सरकार के इस नए फैसले के बाद गणनाकर्मी जाति पूछ कर व्यक्ति का जाति अंक अंकित करेंगे। 15 अप्रैल को होने वाली दूसरे चरण की गणना में 215 व एक अन्य अंक मिलाकर कुल 216 जातियों की आबादी की गिनती की जाएगी। बता दें 11 अप्रैल तक अधिकारियों से लेकर गणना कर्मियों तक को इस मामले पर परीक्षण भी दिया जाएगा।

इस कड़ी में अलग-अलग समुदाय अलग-अलग जाति के अपने कोड नंबर जारी किए जाएंगे। सामान्य से लेकर अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग की जातियों के लिए अलग-अलग कोड नंबर जारी किए जाएंगे। इस कोड में अंको का उपयोग किया जाएगा और इसी के आधार पर भविष्य की योजनाएं तैयार की जाएंगी। आवेदन और अन्य रिपोर्ट में भी इन्हीं अंकों को दर्ज किया जाएगा।

गौरतलब है कि बनिया जाति में केसरवानी, सूड़ी, गोदक, पंसारी, मोदी, मायरा, रोनियार, कसेरा, ठठेरा, कलवार, बंगी वैश्य, वैश्य पोद्दार, कमलापुरी वैश्य, माहुरी वैश्य, बर्नवाल, अग्रहरी वैश्य, बाथम वैश्य, गोलदार, कसौधन, गंधबनिक आदि शामिल है। इस तरह कुल 216 जातियों के कोड की बात करें तो बता दे कि 1 नंबर पर अगरिया जाति को रखा गया है। अन्य का कोड 216 है और 215 कोड नंबर केवानी जाति को दिया गया है।

किस जाति को दिया गया है कौन सा कोड नंबर

बात अन्य जातियों के कोड नंबर की करें तो बता दें कि स्वर्ण जाति के आधार पर कायस्थ का कोड नंबर 22, ब्राह्मण के लिए कोड नंबर 128, भूमिहार के लिए कोड नंबर 144, राजपूत के लिए कोड नंबर 171, कुर्मी जाति के लिए कोड नंबर 25, कुशवाहा कोइरी जाति के लिए कोड नंबर 27, यादव जाति में ग्वाला गौरा, अहीर, घासी, मेहर, लक्ष्मीनारायण गोला, सदगोपा जाति के लिए कोड नंबर 167 जारी किया गया है।

अब दोहरी जाति अपनाना पड़ेगा भारी

इसके साथ ही बता दे कि यदि कोई व्यक्ति दोहरी जाति प्रमाणिकता यानी दोहरी प्रविष्टि करवाता है, तो वह ऐप के जरिए तुरंत पकड़ा जाएगा। पटना जिले में 12,831 गणना कर्मियों को 15 अप्रैल से 15 मई तक 73,52,729 लोगों की गणना करनी है। गणना के बाद इन सभी की जांच 5 स्तरों पर की जाएगी।

Kavita Tiwari