बिहार: पेशे से बिहार पुलिस कांस्टेबल, संपत्ति रिश्तेदारों के नाम पर खरीदे थे 5 मकान, 2 दुकान और एक मॉल

बिहार पुलिस के आर्थिक अनुसंधान इकाई ने पटना जिला पुलिस बल के जवान तथा बिहार पुलिस में एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष रहे कॉन्स्टेबल नरेंद्र कुमार धीरज के 9 स्थानों पर मंगलवार को एक साथ छापामारी कर करोड़ों की संपत्ति का खुलासा किया है. फिलहाल आर्थिक अनुसंधान इकाई की छापामारी तो पूरी हो गई है पर छापामारी के बाद जो जानकारी मिली है उसके अनुसार धीरज पटना समेत दूसरे जिलों में अपने रिश्तेदारों के नाम पर कई मकान और दुकान बनवा रखे हैं.  इसके अलावा पटना के महावीर कॉलोनी में नरेंद्र कुमार नीरज ने अपने ही नाम की दो मंजिला आलीशान मकान भी खरीद रखा है.

गौरतलब है कि बिहार पुलिस की आर्थिक अनुसंधान इकाई को धीरज के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद आर्थिक अनुसंधान इकाई ने सोमवार को आर्थिक अपराध थाना में एफ आई आर दर्ज किया था .इस f.i.r. में धीरज पर स्वयं तथा अपने परिजनों के नाम पर करोड़ों की अचल संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया था, जिसके बाद मंगलवार को आर्थिक अनुसंधान इकाई ने की टीम ने धीरज के 9 ठिकानों पर छापामारी कर कई खुलासे किए. इन छापामारी में जो खुलासे हुए हैं उनमें से ज्यादातर संपत्ति धीरज अपने परिवार और रिश्तेदार के नाम पर अर्जित किया है.

जो जानकारी मिली है उसके अनुसार धीरज के भाई अशोक कुमार के नाम से अरवल में मकान है. वही एक और भाई सुरेंद्र सुरेंद्र सिंह के नाम से आरा की कृष्णा नगर के इलाके में एक चार मंजिला और एक पांच मंजिला मकान है. जबकि एक अन्य भाई विजेंद्र कुमार विमल के नाम से आरा शहर में एक और 5 महिला मकान भी है। धीरज कुमार के आरा में ही एक और भाई श्याम बिहारी सिंह के नाम पर मॉल  सह आवासीय मकान भी मिला है।

9 करोड़ से अधिक की संपत्ति की अर्जित

इतना ही नहीं उनके भतीजे धर्मेंद्र कुमार के नाम पर आरा के अनाइट में एक दुकान होने की बात भी  सामने आई है, इसके अलावे उनके भाई सुरेंद्र कुमार सिंह के नाम पर नारायणपुर में छड़ सीमेंट की दुकान के साथ  आवास भी बनवाए हैं। धीरज कुमार के इन परिसंपत्तियों का आकलन किया जाए तो आर्थिक अनुसंधान इकाई के अनुसार धीरज ने  अपनी सेवा मे  9 करोड़ 39 लाख 66 हजार ₹745 की संपत्ति अर्जित की है, जिसका अभी तक साक्ष्य  मिल चुका है, अगर  उनकी संपत्ति की वास्तविक आय से तुलना की जाए तो यह  544% अधिक है। तलाशी के दौरान और भी कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, जमीन  निबंधन जुड़े कागजात, पॉलिसी ,बैंक खाता औरवाहनो से जुड़े कागजात भी मिले हैं।

Manish Kumar