Bihar Teacher: अब बिहार ने शिक्षक बनने के लिए पास करने होंगे BPSC परीक्षा, मिलेगें 3 चांस; जाने डीटेल

Bihar teacher niyamawali 2023: सोमवार को हुई नीतीश कैबिनेट की बैठक में नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली को हरी झंडी दिखा दी गई है। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में शिक्षकों की नियुक्ति नई नियमावली के तहत करने के फैसले को जहां मंजूरी दी गई है, तो वहीं इसमें कई बदलाव भी किए गए हैं। इस कड़ी में राज्य में अब प्राथमिक से लेकर हायर सेकेंडरी स्कूलों के शिक्षकों का पद ‘विद्यालय अध्यापक’ के नाम से संबोधित किया जाएगा। बता दें कि इस पद पर बहाली के लिए अब BPSC की परीक्षा पास करना अनिवार्यता की श्रेणी में रखा गया है। इसमें सबसे खास बात यह है कि इस दौरान अभ्यार्थी को यह परीक्षा पास करने के तीन मौके दिए जाएंगे।

Bihar Teacher Niyamawali 2023

नए नियमावली के तहत होगी अब शिक्षकों की नियुक्ति

बिहार सरकार की ओर से कॉन्ट्रैक्ट यानी संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति अब बंद हो जाएगी। बिहार सरकार के द्वारा अब स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति पर जोर दिया जाएगा। गौरतलब है कि सरकार के द्वारा शिक्षक बहाली नियमावली को मंजूरी देने के साथ ही विभाग के द्वारा इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है, जिसके मुताबिक अब करीब 17 साल के बाद शिक्षक नियुक्ति का अधिकार पंचायतों और नगर निकाय से छीन लिया गया है। बता दे कि साल 2005 से पहले राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति राज्य कर्मी के तौर पर ही की जाती थी।

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पहले की तरह ही लागू रहे आरक्षण नियम

नई नियमावली के तहत बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक की नियुक्ति को लेकर यह स्पष्ट कर दिया गया है कि साल 2012 के पहले नियुक्त एवं कार्यरत शिक्षक जो दक्षता परीक्षा में पास होंगे, उन्हें अब पात्रता परीक्षा भी पास करनी होगी। साथ ही राज्य सरकार के नियम के मुताबिक पहले की तरह ही पहली से लेकर आठवीं तक शिक्षक भर्ती में महिलाओं को 50% का आरक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा लागू आरक्षण के प्रावधान को भी नई शिक्षक नियमावली के मद्देनजर रखा गया है।

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हालांकि शिक्षक भर्ती में नौवीं से बारहवीं तक में महिलाओं को पहले की तरह ही 35% का आरक्षण दिया गया है। इस दौरान इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने वाले सभी शिक्षक इस बात का खास तौर पर ध्यान रखें कि अब से प्रदेश के सभी प्राथमिक से लेकर हायर सेकेंडरी तक के स्कूलों में शिक्षकों का पद ‘विद्यालय अध्यापक’ के तौर पर संबोधित किया जाएगा। साथ ही इस पद पर बहाली के लिए बीपीएससी की परीक्षा पास करना जरूरी होगा। इस परीक्षा को पास करने के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी को 3 चांस दिए जाएंगे।

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